लखनऊ। (Lucknow News) समिट बिल्डिंग के माई बार में अधिवक्ताओं से मारपीट करने वाले छह दरोगा समेत दर्जनभर अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर आदेश पर बुधवार देर शाम विभूतिखंड पुलिस ने थाने में तैनात पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है। (Lucknow News)
प्रभारी निरीक्षक सुनील सिंह के मुताबिक, अधिवक्ता अभिषेक सिंह साथी रोहित रावत, अभिषेक पाण्डेय,मुकुल सिंह, बिवेक भरद्वाज, राहुल त्रिपाठी विजेन्द्र प्रताप सिंह व अन्य साथियों के साथ बीते 23 फरवरी को माई बार समिट बिल्डिंग में खाना खाने गए थे। रात करीब 11 बजे कुछ अन्य लोगों मारपीट करने लगे। आरोप है कि तभी विभूतिखंड थाने में तैनात दरोगा राहुल बालियान, जसीम रजा, प्रमोद कुमार सिंह, फूलचन्द्र, रितेश दुबे, विनय गुप्ता सिपाही एके पाण्डेय के साथ दर्जन भर अन्य पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और बार का गेट बंद कर उनकी पिटाई करने लगे। अभिषेक ने बताया कि उन्होंने अपना परिचय भी दिया, लेकिन पुलिसकर्मी उनपर लाठियां बरसाई। मारपीट में रोहित रावत के हाथ, अभिषेक की नाक ब्राजेश प्रताप सिंह के सिर पर चोटे आई है। आरोप है कि पुलिसकर्मी उन्हें पीटते हुए थाने ले गए और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। हालांकि पुलिस की बर्बरता के चलते वकीलों ने बंदियों की गाडि़यों को रोककर कोर्ट परिसर में प्रदर्शन कर दो दिनों तक कार्य बहिष्कार किया गया था।
मारपीट की सूचना पर पहुंची थी पुलिस
विभूतिखंड थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, वकील अभिषेक सिंह, मुकुल सिंह समेत सात वकील अपने मित्रों के साथ 23 फरवरी को समिट बिल्डिंग स्थित माई बार में खाना खाने गए थे। यहां अचानक दो पक्षों में मारपीट हो गई। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी।
कई वकीलों को आई गंभीर चोट
पुलिस ने बार का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इसके बाद जब वकील खाना खाकर बाहर जाने का प्रयास करने लगे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें पहले रोका। इसके बाद जब यह जानकारी हुई की वह सब पेशे से वकील हैं तो 6 दरोगा समेत 18 पुलिसकर्मियों ने लाठियों से सभी की पिटाई की। इससे कई वकीलों को गंभीर चोट आई।
वकीलों ने रोकी थी कैदियो की वैन
वकीलों ने यह एफआईआर विभूतिखंड थाने में ही तैनात दरोगा राहुल बालियान, जसीम रजा, प्रमोद कुमार सिंह, फूलचंद, रितेश दुबे, विनय गुप्ता कुल 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज की गई है। बार में वकीलों और पुलिस के बीच हुए इस विवाद से नाराज सेंट्रल बार एसोसिएशन ने सोमवार को जिला कोर्ट में जमकर हंगामा काटते हुए कैदियों की वैन रोक ली थी।
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने एसोसिएशन को दिया था जवाब
बार अध्यक्ष अरविंद कुशवाहा ने कहा था जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा नहीं लिखा जाता तब तक बार कार्य से बहिष्कार करेंगे। एफआईआर दर्ज करने से एक दिन पहले लखनऊ के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल ने पुलिसकर्मियों का बचाव करते हुए सेंट्रल बार एसोसिएशन को लिखित जवाब भेजा था।
उन्होंने कहा था कि माई बार में मारपीट हुई थी, जिसकी शिकायत में पुलिस मौके पर गई थी। कार्रवाई के तहत पुलिस सभी को थाने लेकर आई थी। इसमें शायद कोई अधिवक्ता भी हो सकता है। पुलिस कार्रवाई करते हुए किसी से उसका प्रोफेशन नहीं पूछती है और न ही देखने से यह पहचान सकती है कि वह अधिवक्ता हैं। जेसीपी ने सेंट्रल बार एसोसिएशन के सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया था।