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मुख्तार अंसारी को एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, और 2 लाख का जुर्माना

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को आज आर्म्स एक्ट के एक मामले में वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई,कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व विधायक को 36 साल पुराने मामले में दोषी करार दिया था. इसके साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी, को वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई साथ ही दो लाख का जुर्माना भी लगाया, माफिया मुख्तार अंसारी के गुनाहों का हिसाब तेजी से होने लगा है। एक के बाद एक उसके किये गये जुर्मों की सजा न्यायालय से मिलने लगी है। न्यायालयों में चल रहे मामलों में योगी सरकार द्वारा की जा रही प्रभावी पैरवी के कारण माफिया मुख्तार अंसारी को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है और तीन दशक पुराने मामले में मुख्तार अंसारी को वाराणसी की कोर्ट ने दोषी करार दिया, और उसे उम्रकैद की सजा सुना दी। इसके साथ ही कोर्ट ने उसपर 2 लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अंसारी को दूसरी बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अबतक आठ मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है।

अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी, अवनीश गौतम की अदालत ने मुख्तार अंसारी को डीएम/एसपी के फर्जी हस्ताक्षर पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में सजा सुनाई है। 1990 में थाना मोहम्मदाबाद गाजीपुर में दर्ज तीन और कोतवाली गाजीपुर में दर्ज एक मामले में हुई सुनवाई और प्रभावी पैरवी के बाद चारों धाराओं में अलग अलग सजा सुनाई गई है। इसमें 420/120 बी आईपीसी में सात साल, 467/120 बी आईपीसी में आजीवन कारावास, 468/120 बी में 7 वर्ष और 30 आयुध अधिनियम में 6 माह की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर अलग-अलग कुल 2,02,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर 1 साल 1 हफ्ते के अतिरिक्त कारावास का प्रावधान है,

माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप है कि उसने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था. फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा 4 दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर सहित पांच के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था.

मालूम हो कि इससे पहले योगी सरकार की प्रभावी पैरवी के कारण कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में भी माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सुनाई जा चुकी है। मुख्तार अंसारी को अब तक कुल आठ मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इससे पहले दिसंबर 2023 में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 26 साल पुराने कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनायी थी।

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