उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है अगले कुछ दिनों में भाजपा के एनडीए और कांग्रेस के INDIA अलांयस के खिलाफ तीसरा मोर्चा खड़ा हो सकता और इसकी अगुवाई है सपा से निकले स्वामी प्रसाद मौर्य कर सकते हैं इसमें आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर रावण और एमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी शामिल हो सकते हैं
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी में एनडीए गठबंधन और इंडिया अलायंस के बाद एक और तीसरा गठबंधन बनकर सामने आ सकता है,सूत्रों के हवाले से पता चला है कि एनडीए और INDIA गठबंधन के अलावा एक और गठबंधन की पटकथा लिखी जा रही है. अगले 4/5 दिनों में इसको लेकर औपचारिक ऐलान हो सकता है. हाल ही में सपा से इस्तीफा देने वाले प्रदेश के बड़े ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य तीसरे मोर्चे की अगुआई कर सकते हैं. नए गठबंधन में AIMIM, पीस पार्टी, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी शामिल हो सकती हैं. कहा जा रहा है कि सपा और कांग्रेस से सीटें न मिलने से नाराज कुछ और दल भी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. साथ ही कुछ बागी भी आकर पार्टियों का खेल खराब कर सकते हैं इस तीसरे मोर्चे में दलित मुस्लिम और पिछड़ों को लेकर एक बड़ा गठबंधन बनने की तैयारी में है,
स्वामी प्रसाद मौर्य यह नया मोर्चा ऐसे समय में बना रहे हैं जब उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य का टिकट बीजेपी ने बदायूं से काट दिया है. इसकी वजह में कहीं न कहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म को लेकर दिए विवादित बयान भी शामिल हैं. बीजेपी ने शायद सोचा होगा कि संघमित्रा को टिकट देने से हिंदू वोटर नाराज हो सकता है. यह चुनाव में मुद्दा बना तो कई सीटों पर असर डालेगा. ऐसे में भाजपा ने टिकट ही काट दिया. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पिता के साथ नई पारी शुरू कर सकती हैं. स्वामी ने हिंदू देवी-देवताओं को लेकर भी कई विवादित बातें कहीं थीं.
तीसरा मोर्चा बनने से किसे होगा नुकसान
आपको बता दे की उत्तर प्रदेश में मुस्लिम दलित की राजनीति करने वाली पार्टियों को बड़ा झटका लग सकता है और सबसे बड़ी बात दलित और मुस्लिम वोटबैंक को ध्यान में रखकर चुनाव लड़ने वाली पार्टियों के आने से कांग्रेस, सपा और बसपा का भी समीकरण गड़बड़ा सकता है.कुछ हफ्ते पहले तक स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में थे. उन्होंने कई तरह के आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव का साथ छोड़ दिया. उनके सनातन और रामचरित मानस को लेकर दिए विवादित बयानों से सपा के लिए मुश्किल खड़ी हो रही थी लेकिन स्वामी चाहते थे कि पार्टी उनके साथ खड़ी रहे. सपा के कुछ नेता उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. अब तीसरा मोर्चा बना तो सपा के वोटबैंक पर असर पड़ सकता है.