विश्व धरोहर समिति का भारत में पहली बार आयोजन किया जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित इस बैठक का 21 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुभारंभ किया था। इसमें 150 से अधिक देशों के 2500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में चल रही विश्व धरोहर समिति की 46वीं बैठक में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने स्टाल लगाया गया है। आज विभिन्न देशों से आए अतिथि प्रदेश की समृद्ध आर्ट-क्राफ्ट सहित अन्य विरासतों से परिचित हुए। यहां प्रमुख रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर, बुंदेलखंड सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट और उत्तर प्रदेश के हेरिटेज आर्ट व क्राफ्ट को दर्शाया गया है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश अपनी गौरवशाली संस्कृति और प्राकृतिक धरोहरों और सभ्यता के लिये पूरे विश्व में जाना जाता है। यहां फतेहपुर सीकरी, ताजमहल और आगरा फोर्ट जैसे 3 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं। यहाँ की धरती धर्म और आध्यात्म से परिपूर्ण है। यहां पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। इसके अलावा इस प्रदेश में 12 टूरिज्म सर्किट हैं, जहां पर्यटक अपनी इच्छानुसार भ्रमण कर सकते हैं। यहाँ की कला-संस्कृति और व्यंजन भी बेजोड़ हैं। प्रदेश की इन्हीं विशेषताओं से विश्व के प्रतिनिधियों को परिचित कराने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उ0प्र0 पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाला राज्य है। यहां बड़ी संख्या में धार्मिक-आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सम्पदा मौजूद है। प्रदेश के पास आर्ट-क्राफ्ट की भी मजबूत थाती है। विश्व धरोहर समिति की बैठक उ0प्र0 के पर्यटन विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने विश्व धरोहर समिति को सफलतापूर्वक आयोजन करने के लिए आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के चलते उ0प्र0 घरेलू पर्यटन के मामले में पूरे देश मंे प्रथम स्थान पर बना हुआ है। विश्व धरोहर समिति के समस्त प्रतिनिधि उ0प्र0 के स्टाल देखने में रूचि प्रदर्शित कर रहे हैं।
जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन विभाग ने इस विश्व धरोहर समिति की 46वीं बैठक के दौरान अपना स्टाल लगाकर उ0प्र0 की अनमोल धरोहर को राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि विदेशों में भारत के खासतौर से उ0प्र0 की हेरीटेज आर्ट व क्राफ्ट को विश्व पटल पर स्थापित करने का सराहनीय प्रयास किया गया है। पर्यटन विभाग ने इस बैठक को एक अवसर के रूप में लिया है। उन्होंने कहा कि इसके परिणाम सुखद एवं उ0प्र0 को पर्यटन के मानचित्र पर दमदार उपस्थिति दर्ज कराने में सफल होंगे।