उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने रिस्पांसिबल टूरिज्म कार्यशाला के आयोजन के लिए विभागीय अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि पर्यटन अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक है वहीं दूसरी ओर रोजगार तथा निवेश को आकर्षित करता है। कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुयी है। इसलिए पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए देश दुनिया की सरकारें अवस्थापना सुविधाओं को लगातार बेहतर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 सरकार पर्यटन को लेकर अति संवेदनशील एवं सकारात्मक रूख अपना रही है।
पर्यटन मंत्री ने आगे कहा कि रिस्पांसिबल टूरिज्म यानी जिम्मेदार पर्यटन को नये सिरे से स्थापित करने की आवश्यकता है। जिम्मेदार पर्यटन होने के कारण स्थानीय जनता को सुखद अनुभूति प्राप्त होती है। भारत में अतिथि देव भव एवं सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना आदिकाल से रही है। वर्ष 2025 में 50 करोड़ पर्यटकों के महाकुंभ में आने की संभावना को ध्यान में रखते हुए मा0 प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पर्यटन विभाग रिस्पांसिबल टूरिज्म की चुनौतियों के लिए तैयार है। उल्लेखनीय है कि लखनऊ से बाहर होने के कारण पर्यटन मंत्री ने संदेश के माध्यम से कार्यशाला की सफलता के लिए विभागीय अधिकारियों एवं आयोजकांे को बधाई दी।
देर शाम लखनऊ लौटने के बाद पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने वियतनाम के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। इस प्रतिनिधि मंडल में 21 सदस्य टूर टेªवल आपरेटर्स, टूरिस्ट गाइड, पर्यटन उद्योग से जुड़े अन्य लोग शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल में उ0प्र0 में पर्यटन के क्षेत्र में किये जा रहे नवीनतम प्रयोग एवं सुधारों की प्रशंसा की। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम एवं विशेष सचिव ईशा प्रिया मौजूद थी।
रिस्पांसिबल टूरिज्म पर कार्यशाला का आयोजन ताज होटल में किया गया था। इस कार्यक्रम में आईसीआरटी लंदन के प्रमुख डा0 हेरोल्ड गुडविन ने अपने क्रांतिकारी विचार रखे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री जी के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने अपने सम्बोधन में कहा कि उ0प्र0 पर्यटन के मामले में लगातार ऊचाईयों को छू रहा है। धार्मिक पर्यटन टूरिज्म का मुख्य आधार है। उ0प्र0 में मा0 योगी के नेतृत्व में ओडीओपी प्रोजेक्ट ने लगातार सफलता अर्जित की है, जिसके फलस्वरूप एमएसएमई सेक्टर बेहतर स्थिति में है। आगरा, मथुरा, काशी, अयोध्या जैसे शहरों में पर्यटकों की भीड़ बढ़ रही है। उन्होंने अपील किया कि गैर जिम्मेदार पर्यटक न बने तथा वन्यजीवों तथा प्राकृतिक विविधता को संरक्षित करने में योगदान दें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन, मुकेश मेश्राम ने रिस्पांसिबल टूरिज्म पर अपने उद्बोधन में कहा कि कोविड के बाद लोग प्रकृति के बीच जाना पसंद कर रहे हैं। नई पीढ़ी सतत प्रवाह के लिए घरों से बाहर निकल रही है। बाहरी पर्यटकों के आगमन से स्थानीय लोगों पर कोई विपरीत प्रभाव न आए ऐसे में रिस्पांसिबल टूरिज्म अहम है। उन्होंने कहा, रिस्पांसिबल टूरिज्म पर्यटन के क्षेत्र में स्थानीय समुदाय, पर्यावरण आदि के मद्देनजर जिम्मेदारी का बोध कराता है। उन्होंने क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा पंच महाभूत के माध्यम से पर्यटन की सूक्ष्मता को बताया। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 जीवन के हर सवालों का उत्तर देने में सक्षम है। यहां धार्मिक पर्यटन के अलावा विविध आयाम हैं।
रिस्पांसिबल टूरिज्म के प्रमुख हेरोल्ड गुडविन ने अपने सम्बोधन में कहा कि जब हमने अपने संस्थान आईसीआरटी की शुरुआत की थी, तब हमें यह बिलकुल उम्मीद नहीं थी कि इतनी सफलता मिलेगी। दक्षिण अफ्रीका में रिस्पांसिबल टूरिज्म पर किए कार्य और उससे प्राप्त अनुभवों को उत्तर प्रदेश में जमीन पर सफलतापूर्वक उतारना हमारा लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश में रिस्पांसिबल टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। गुडविन ने आगे कहा, रिस्पांसिबल टूरिज्म कोई प्रोडक्ट नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है। हम सभी को मिलकर जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी, नहीं तो आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक वातावरण छोड़कर जाएंगे।
इस अवसर पर विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने इस कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन सुविधा बढ़ाने के साथ सभी स्टेक होल्डर्स का ध्यान रखते हुए उन्हें पर्यटन इकाई में हिस्सेदार बनाना चाहिए। जिससे ग्रामीण लोगों को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिल सके। उन्होंने इस अवसर पर टूरिज्म पॉलिसी पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण किया। इस अवसर पर विजक्राफ्ट और उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के बीच एमओयू साइन हुआ। इसके तहत प्रदेश के प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए ब्रांडिंग और मार्केटिंग की जाएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश को वेडिंग डेस्टिनेशन का गढ़ बनाने के प्रयासों को यूपी टूरिज्म ने आज एक कदम और बढ़ाया। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा लागू न्यू स्टार वर्गीकरण के तहत 11 होटलों को सर्टिफिकेट दिए गए।
पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक रविरंजन ने राज्य में अपनाये जा रहे नये होटल वर्गीकरण पर प्रस्तुतीकरण देते हुए विस्तार से जानकारी दी। आशीष तिवारी आईएफएस सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन ने भी अपनी प्रस्तुती दी। मनीषा पाण्डेय आईसीआरटी इंडिया चैप्टर हेड ने जिम्मेदार पर्यटन के अंतर्गत भारत की उपलब्धियों पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों के करीब रहने वालों के जीवन में बदलाव के साथ उनकी आर्थिक तरक्की में सहयोगी हो सकता है।