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आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों को छोटी-छोटी ट्रेनिंग के माध्यम से जागरूक किया जाएगा

कुपोषण बच्चों की वृद्धि एवं विकास को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है। यह गंभीर मामलों में बाल उपेक्षा और दुर्व्यवहार का रूप भी धारण कर सकता है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को छोटी-छोटी ट्रेनिंग के माध्यम से सभी आयु वर्ग के लाभार्थियों के पोषण एवं स्वास्थ्य का स्तर बनाये रखने मे सहायता प्राप्त की जा सकती है। धात्री महिलाओं की निरन्तर निगरानी करने पर बच्चों का नाटापन, दुबलापन एवं सैम बच्चों को जन्म से ही रोका जा सकेगा। ये विचार महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टहार मंत्री, श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने होटल ट्यूलिप स्थित सभागार में संभव अभियान, पोषण संवर्धन की ओर एक कदम जून से सितम्बर- 2024 राज्य स्तरीय एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला में व्यक्त किये।

श्रीमती मौर्या ने कहा कि कहा कि प्रदेश सरकार की मंशानुसार बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा अने जनहितकारी योजनाएँ चलाई जा रही हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम जमीनी स्तर पर जाकर देखें कि जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल भी रहा है अथवा नहीं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाँ गर्भवती महिलाओं को जन्म लेने वाले शिशु के उत्तम स्वास्थ्य के लिए उचित खान-पान, समय से स्वास्थ्य जाँच एवं दवाइयों के सेवन हेतु प्रोत्साहित करें। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अवस्थापना संबंधी सुविधाओं के निर्माण में सहायता के लिए यूनिसेफ के सहयोग से तकनीकी मार्गदर्शिका तैयार की गयी है, जो आंगनबाड़ी सेवा से सम्बन्धित समस्त हित धारकों के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी पूर्ण मनोयोग से बच्चों व धात्रियों की देखभाल, उनके पोषण से जुडी समस्याओं का समाधान व व्यवहार परिवर्तन द्वारा उनकी शारीरिक क्षमताओं व पोषण स्तर में सुधार लाने का हर संभव प्रयास करें। बच्चे हमारे देश की धरोहर हैं और स्वस्थ माँ के गर्भ में ही स्वस्थ शिशु पलता है। हम सबका दायित्व है कि कुपोषण के कुचक्र पर प्रहार कर अपने देश को स्वस्थ नागरिक दें। राष्ट्र के निर्माण में यही हमारी सबसे बड़ी भूमिका होगी।

इस अवसर पर विभाग की राज्यमंत्री, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि संभव अभियान के अंतर्गत अधिक से अधिक सैम, दुबलेपन का शिकार एवं नाटे बच्चों का चिन्हांकन करते हुए उनका पंजीकरण कराकर बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाये। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, पौष्टिक आहार को प्रोत्साहित करना, स्वच्छ पेयजल व बेहतर स्वच्छता सुविधा प्रदान करना एवं पोषण सम्बन्धी जागरूकता फैलाना, संभव अभियान इसी दिशा में विभाग का नवाचार हैं। उन्होंने कहा कि आँगनबाड़ी कार्यकत्रियाँ इसमें और अधिक अहम भूमिका निभा सकती हैं यदि उन्हें समय-समय प्रशिक्षित किया जाये।

निदेशक, श्रीमती सरनीत कौर ब्रोका ने बताया कि तीन चरणों में क्रमवार सफलता अर्जित करने के बाद 2024 में चौथा चरण भी इसी उद्देश्य से आरम्भ किया गया है कि हम प्रदेश में कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य को समय दर समय बेहतर कर सकेंगे। चौथे चरण के तहत जून माह में वजन लिये बच्चों को 03 महीने तक विभाग की देखरेख में संघन फॉलोअप किया जायेगा। इस वर्ष बच्चों के साथ-साथ मातृ पोषण पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाँ बच्चों का वजन, लंबाई लेकर सैम बच्चों की पहचान करेंगी तथा चिकित्सा विभाग के सहयोग से कुपोषण का प्रबन्धन करेंगी।
इस अवसर पर महिला कल्याण मंत्री ने पिछले चरण के अन्तर्गत बेहतर प्रदर्शन करने वाले 10 जनपदों, जिसमें चन्दौली, उन्नाव, वाराणसी, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, रामपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, एवं बागपत शामिल हैं, प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही आंगनबाड़ी कायाकल्प, तकनीकी डिजाइन मार्गदर्शिका तथा सुपोषित बचपन की ओर बढ़ते कदम कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। प्रदेश में आयोजित ‘पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ’ जन अभियान-2024 के अन्तर्गत कैबीनेट मंत्री, श्रीमती बेबी रानी मौर्य एवं राज्य मंत्री, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने होटल ट्यूलिप प्रांगण में रूद्राक्ष का वृक्ष भी रोपित किया।

इस अवसर पर प्रदेश के जिला कार्यक्रम अधिकारी, संयुक्त निदेशक, श्रीमती गरिमा स्वरूप यूनीसेफ के सी. एफ. ओ. अमित महरोत्रा, डा॰ सूर्यान्शु ओझा, सेराज अहमद, उपनिदेशक सहित विभाग के उच्च अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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