लखनऊ। अगर आप मोबाइल फोन चला रहे हैं तो अनजान नंबर से आने वाली कॉल को जरा सोच समझ कर रिसीव करें क्योंकि साइबर जलसाज एआई तकनीक (AI voice generator) का इस्तेमाल करके लोगों को लूट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला लखनऊ में सामने आया है। यहां पर जालसाज ने एआई तकनीक का इस्तेमाल करके महिला को अनजान नंबर से फोन करके 32000 रुपए खाते में जमा कर लिए। फोन करने वाले ने खुद को महिला का जीजा बताया और अस्पताल में भर्ती होने का झांसा दिया। इसके बाद रुपए की मांग शुरू की तो महिला ने अपने रिश्तेदार से बात की तो धोखाधड़ी की जानकारी होने पर पीड़िता ने कृष्ण नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। (AI voice generator)
पुलिस के मुताबिक, सुभाष नगर की रहने वाली राजलक्ष्मी दोहरे को एक अनजान नंबर से कॉल आई फोन करने वाले ने राजलक्ष्मी के जीजा धर्मेंद्र के तौर पर अपनी पहचान दी। उसने बताया कि अस्पताल आना पड़ा है मोबाइल भी काम नहीं कर रहा है। जिसके चलते दूसरे नंबर से कॉल कर रहा हूं। मुझे कुछ रूपो की जरूरत है तुरंत भेज दो बाद में लौटा दूंगा। राजलक्ष्मी ने विश्वास कर बताए गए खाते में 32000 रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद और रुपए मांगे गए। शक होने पर राजलक्ष्मी ने (AI voice generator) रिश्तेदार को फोन किया। जिन्होंने कॉल नहीं करने की बात कही तब राजलक्ष्मी को धोखाधड़ी का पता चला। उन्होंने थाने में पहुंचकर तहरीर दी। इंस्पेक्टर कृष्णा नगर जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुकदमा जांच दर्ज कर जांच की जा रही है।
- इस तरह की ठगी से कैसे बचें
सबसे पहले लोन सैटलमेंट के लिए खुद ही बैंक से संपर्क करें। - अगर कोई एग्जिक्यूटिव आपको ऐसा झांसा देता है तो उससे बैंक के लेटरहेड पर सैटलमेंट स्कीम या सैटलमेंट लेटर मंगाएं। ये लेटर बैंक या उस कंपनी की ऑफिशयल ईमेल आईडी से आए तो समझिए सामने वाला सही है, लेकिन किसी और मेल से आए तो यह फ्रॉड है।
- मेल पर आए लेटर को एक बार वेरिफाई जरूर करें। इसके लिए बैंक के टोलफ्री नंबर पर कॉल करके क्रॉसचेक करें।
बिना ओटीपी सिर्फ मिस्ड कॉल के जरिये
इस तरह की ठगी कई लोगों के साथ हो चुकी है। इसमें पीड़ित को समय रहते ठगी का पता भी नहीं चलता। दरअसल, इसमें जालसाज अपने टारगेट को 2-3 बार मिसकॉल करते हैं। इसके बाद अचानक उस शख्स के फोन से मोबाइल सिग्नल चला जाता है। इसी दौरान ठग रुपये उड़ाते हैं। ऐसे ही कुछ केस की जांच के बाद अलग-अलग स्टेट की पुलिस को पता चला कि इस तरह की ठगी सिम स्वैपिंग की जरिये हो रही है। इसमें मिस कॉल करने के बाद ठग आपके नंबर का डुप्लिकेट सिम निकलवा लेते हैं और उस सिम को अपने फोन में लगाते हैं। डुप्टिकेट सिम निकलते ही आपका सिम बंद हो जाता है। इसके बाद आपके सारे ओटीपी का एक्सेस ठगों के पास होता है और वह आपको चपत लगाता है।
- इस तरह की ठगी से कैसे बचें
कभी भी अचानक 2-3 मिनट से ज्यादा समय तक मोबाइल फोन में सिग्नल न आए तो अलर्ट हो जाएं। - आसपास के लोगों से क्रॉसचेक करें कि उस कंपनी का सिग्नल आ रहा है या नहीं।
- अगर उनका सिग्नल आ रहा है तो फौरन संचार कंपनी से संपर्क करें।
- कभी भी एक नंबर से बार-बार मिसकॉल आए तो तुरंत उस नंबर को ब्लॉक कर दें।
- फोन पर कोई संचालन कंपनी का कर्मचारी बनकर (AI voice generator) ओटीपी या अन्य डिटेल मांगे तो डिटेल न दें।
वॉट्सऐप हैक करके, रिश्तेदारों से बात करके मदद मांगकर
वॉट्सऐप सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। ऐसे में साइबर ठग भी फ्रॉड के लिए इसका इस्तेमाल करने लगे हैं। इसमें जालसाज किसी शख्स को अलग-अलग तरीकों से संपर्क करते हैं। उन्हें किसी क्लास में शामिल होने, या कमाई का झांसा देकर एक लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही एक ओटीपी आता है, जिसे वे मांग लेते हैं। इस ओटीपी को डालते ही ठगों के पास सामने वाले के वॉट्सऐप का एक्सेस चला जाता है। यानी आपके फोन से वॉट्सऐप लॉगआउट होकर उसके फोन में लॉगिन हो जाता है। इसके बाद ठग आपके वॉट्सऐप से आपके दोस्तों और रिश्तेदारों को (AI voice generator) मैसेज कर मदद मांगते हैं। क्योंकि मैसेज आपके नंबर से गया होता है इसलिए लोग इस पर भरोसा करके पैसे दे देते हैं।