लखनऊ। (Breakthrough) समुदाय स्तर पर किशोर-किशोरियों के मुद्दों को समझने और समाज में लैंगिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के लखनऊ,गोरखपुर,महाराजगंज और गाजीपुर में ज़मीनी स्तर पर ब्रेकथ्रू विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता हेतु कार्य कर रहा है। (Breakthrough) इसी संदर्भ में हुए एक सर्वे के परिणामों को ले कर लखनऊ में आज एक परिचर्चा का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुख्य अथिति जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता सिंह ने कहा कि आज के दौर में हमें निर्णय लेने कि क्षमता और आत्मबल का विकास करने की जरूरत है क्योंकि यही हमारी आकांक्षाओं को पूरा करने का कार्य करती हैं। उन्होंने ब्रेकथ्रू द्वारा उत्तर प्रदेश में महिलाओं से जुड़ी हिंसा के मुद्दे पर किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रशंसा करी। (Breakthrough)
कार्यक्रम में ब्रेकथ्रू द्वारा उत्तर प्रदेश के लखनऊ, गोरखपुर,महाराजगंज और गाजीपुर के ब्लॉक में किए गए एक सर्वे के आँकड़े भी साझा किए गए। यह आँकड़े किशोर-किशोरियों की करियर संबंधी आकांक्षाओं, माता-पिता के सहयोग, अंतर पीढ़ी संवाद,हिंसा के मुद्दे पर समझ और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच जैसे मुद्दों पर केंद्रित हैं। इस सर्वे के आधार पर यह पाया गया कि लखनऊ और गोरखपुर के समुदायों में 28% किशोर-किशोरी अब लैंगिक भेदभाव के मुद्दे पर बात करने लगे हैं। इस अवसर पर ब्रेकथ्रू के मॉनिटरिंग एवं मूल्यांकन विभाग की निदेशक स्वाति चक्रवर्ती ने बताया कि “ लखनऊ, गोरखपुर, गाज़ीपुर और महराजगंज में फैले हमारे सभी चयनित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा यानी स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई करने हेतु किशोर-किशोरियों की आकांक्षा के अनुपात में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है।” (Breakthrough)
कार्यक्रम में ब्रेकथ्रू की राज्य प्रमुख कृति प्रकाश ने कहा,” समुदाय स्तर पर हम अपने कार्यों के माध्यम से यह देख पा रहे हैं कि समुदाय के स्तर पर किशोर-किशोरियों में हिंसा और उनसे जुड़े अन्य मुद्दों जैसे आकांक्षा,करियर के विकल्प इत्यादि के प्रति समझ बढ़ रही है। वर्तमान में हुए सर्वे के आधार पर यह कहा जा सकता है कि लखनऊ के हमारे गोसाईगंज,मोहनलालगंज और ब्लॉक में 38% और गोरखपुर के केमपियरगंज,जंगल कौड़िया और भटहट ब्लॉक में 15% किशोर-किशोरियों ने यह माना है कि अब वो अपनी शादी की उम्र को ले कर खुल कर बात कर रहे हैं।” इस कार्यक्रम में ब्रेकथ्रू से डॉ अभिषेक,अश्वनी,ऋचा,रानी,सुप्रिया,चंदन,सुनील,विनोद और सभी स्टाफ के अलावा कई किशोर-किशोरियों,टीम चेंज लीडर्स,टीचर,अभिभावक,महिला एवं बाल विकास विभाग से कई प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया| (Breakthrough)
ब्रेकथ्रू के बारे में
लिंग आधारित/लैंगिक हिंसा के कई चेहरे हैं, जिनमें यौन उत्पीड़न जैसे स्पष्ट चेहरे से लेकर भावनात्मक शोषण, वित्तीय शोषण या किसी अवसर से इनकार जैसे सूक्ष्म चेहरे भी शामिल हैं। आक्रोश और कानूनी बाधाओं से परे, सच्चे परिवर्तन में उस संस्कृति को बदलना शामिल है जो हिंसा करने की अनुमति देती है। (Breakthrough)
इस परिवर्तन को लागू करने का सबसे प्रभावी तरीका व्यवहार में ठोस परिवर्तन होने से पहले लैंगिक मानदंडों और मान्यताओं को ढालना है। यह पूरे उत्तर भारत में लगभग 20 लाख किशोरों के साथ ब्रेकथ्रू के काम को रेखांकित करता है। जैसे-जैसे हम सपनों, आकांक्षा, नेतृत्व, एजेंसी और बातचीत कौशल को बढ़ावा देकर उनकी क्षमता का निर्माण करते हैं, एक पूरी पीढ़ी सक्षम संस्कृति की ओर बढ़ रही है जिसमें लिंग आधारित/ लैंगिक भेदभाव वाली हिंसा अस्वीकार्य है। जब लिंग मानदंड बदलते हैं, तो लड़कियों के लिए सब कुछ बदल जाता है – घर के कामकाज के बंटवारे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की पहुँच तक सब कुछ बदल जाता है। इस पीढ़ीगत बदलाव का प्रमाण हमारे समुदायों में शादी की उम्र और स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या में लगातार वृद्धि में दिखाई दे रहा है। (Breakthrough)
हमारे मिशन का नेतृत्व 11 से 24 वर्ष की आयु के युवा कर रहे हैं। जैसे-जैसे वे लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ़ आवाज़ उठाते हैं, हम मीडिया टूल के माध्यमों के साथ उनकी यात्रा का भी समर्थन करते हैं जो सार्वजनिक स्तर पर नरेटिव का निर्माण करते हैं और लोगों को समानता, गरिमा और न्याय की दुनिया की कल्पना करने के लिए प्रेरित करते हैं।