Saturday , April 19 2025

अस्पताल स्टाफ की लापरवाही और पुलिस की संवेदनहीनता के चलते 8 दिन बाद हो पाया शव का पोस्टमार्टम,क्या है पूरा मामला

बुंदेलखंड के महोबा में पुलिस की संवेदनहीनता का मामला सामने आया है। जहां एक मुर्दा 8 दिनों तक अपने पोस्टमार्टम का इंतजार करता रहा। पुलिस की इस लापरवाही को लेकर मृतक के परिजन ही नहीं बल्कि विपक्षी दल के लोग भी सवाल खड़े कर रहे हैं यूपी पुलिस से जीवित व्यक्ति ही न्याय के लिए नहीं भटक रहा बल्कि एक मुर्दे को भी 8 दिन तक अपने पोस्टमार्टम के लिए इंतजार करना पड़ा और आज कहीं जाकर उसका पोस्टमार्टम हो पाया है। जिला अस्पताल स्टाफ और कोतवाली पुलिस की यह लापरवाही चर्चा का विषय बनी हुई है

अकसर आपने यूपी पुलिस से परेशान लोगों को न्याय के लिए भटकते जरूर देखा होगा लेकिन यहां तो हद हो गई बुंदेलखंड के महोबा में एक मुर्दे को भी पुलिस की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा है। यह सुनकर आपको भी अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है। अस्पताल स्टाफ की लापरवाही और पुलिस की संवेदनहीनता के चलते 8 दिन तक एक मुर्दे का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया, जबकि नियम अनुसार तीन दिन में शव का पोस्टमार्टम करने के निर्देश रहते हैं।

मामला शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत नैकानापूरा का है। जहां रहने वाला 40 वर्षीय निवासी इकबाल पुत्र पीरबक्श की अचानक तबियत बिगड़ने पर उसे उसके सगे भाई शान मोहम्मद और वार्ड के सभासद जिशान द्वारा इलाज के लिए बीती 22 फरवरी को अस्पताल के वार्ड नंबर एक में भर्ती कराया गया था। परिवार के लोग इलाज के दौरान उसकी तबीयत जानने के लिए अस्पताल भी जाते रहे लेकिन अचानक वार्ड से उसके गायब हो जाने से परिवार के लोग हैरत में पड़ गए।

मृतक का भाई शान मोहम्मद बताता है कि वह अस्पताल में कई दिन तक अपने भाई की तलाश के लिए चक्कर लगाता रहा लेकिन अस्पताल से कोई सही जवाब नहीं मिल पाया। उसे लगा कि शायद उसका भाई इलाज के लिए कहीं और चला गया है। उसे अपने भाई की कोई जानकारी नहीं मिल पाई। जबकि बीती 3 मार्च को ही उसके भाई की मौत हो चुकी थी और शव को मोर्चरी हाउस में रखवा कर कोतवाली पुलिस को पीआई भेजी गई लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम नही कराया गया।

बीती 10 मार्च को जब इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी करने डॉक्टर पंकज पहुंचे तो रजिस्टर में एक सप्ताह पुराने शव की एंट्री देख चौक पड़े जिसके बाद उनके द्वारा एक बार फिर शहर कोतवाली पुलिस को पोस्टमार्टम कराने के लिए पीआई भेजी गई। जिसके बाद कोतवाली पुलिस की आंखें खुली और शव का पोस्टमार्टम कराया गया। डा. पवन अग्रवाल (सीएमएस, जिला अस्पताल इस मामले को लेकर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर पवन अग्रवाल बताते हैं कि शव रखे होने की सूचना पुलिस को दें दी गई थी।

आज पुलिस ने मृतक के परिवार को तलाश कर पोस्टमार्टम कराया है। उनकी माने तो इसमें किसी की लापरवाही नही है। इस पूरे मामले पर सपा नेता योगेश यादव ने क्या कहा वही इस संवेदनशील मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता योगेश यादव ने कहा है कि सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक नागरिक की स्वास्थय और सुरक्षा की व्यवस्था करें लेकिन इलाज के दौरान बीते तीन मार्च को व्यक्ति की मौत होने के बाद पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम नही कराया गया। दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक जीवित व्यक्तियों के साथ तो भेदभाव होता ही है और अब मृत इकबाल के शव के साथ भेदभाव हुआ है और उसका शव पोस्टमार्टम के लिए आठ दिन तक पड़ा रहा ये शर्मनाक घटना है

और ये भी पढ़े:https://www.satyamorcha.com/minister-ak-sharma-took-strict-action-in-ghazipur-bus-accident-three-were-suspended-and-service-of-one-was-terminated/

Check Also

कुंभ में 10 हजार से अधिक कलाकारों को मिलेगा मंच

योगी सरकार के निर्देशन में महाकुम्भ में 10 जनवरी से 24 फरवरी तक लोककलाओं के ...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *