उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वर्ष 1999 में दुश्मन देश पाकिस्तान ने भारत पर कारगिल युद्ध थोपा था। पाकिस्तान द्वारा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कारगिल की चोटियों पर छद्म रूप से कब्जा कर भारत के खिलाफ साजिश की गई थी। भारतीय सेना ने इस साजिश का मुंहतोड़ जवाब दिया तथा पाकिस्तान को पराजित कर दुनिया के सामने बेनकाब किया। आज ही के दिन वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने कारगिल विजय की घोषणा कर पूरी दुनिया को भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का लोहा मनवाया था।
मुख्यमंत्री जी आज यहां कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में ‘कारगिल विजय दिवस’ के ‘रजत जयन्ती समारोह’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण तथा लोकतांत्रिक मूल्यों व आदर्शों पर विश्वास करने वाला देश है। जब यह देश धन-धान्य तथा बल व बुद्धि में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखता था, तब भी किसी देश पर बलपूर्वक कब्जा नहीं किया। लेकिन जब कभी किसी दुश्मन ने भारत की सीमाओं का अतिक्रमण करने का दुस्साहस किया, तो भारत के वीर जवानों ने उसे मुंहतोड़ जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
स्वतंत्रता के पश्चात हुए युद्धों में भारत ने यह साबित करके दिखाया है कि वह युद्ध का पक्षधर नहीं है। लेकिन यदि कोई जबरन युद्ध थोपने का दुस्साहस करेगा, तो हमें मातृभूमि की रक्षा करने का पूर्ण अधिकार है। दुश्मन को ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि उसकी आने वाली पीढ़ियां भारत की तरफ टेढ़ी निगाहों से देखने का कुत्सित प्रयास कभी नहीं करेंगी। यह वर्ष 1965, 1971 तथा अन्य युद्धों में भारत के बहादुर जवानों ने करके दिखाया। प्रत्येक भारतवासी बहादुर जवानों की शौर्य गाथा पर गौरव की अनुभूति करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सैनिकों, पूर्व सैनिकों तथा उनके परिजनों को सम्मानित करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इनमें शहीद कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय के पिता गोपीचंद पाण्डेय, लांस नायक केवलानंद द्विवेदी की पत्नी कमला देवी, राइफलमैन सुनील जंग की बहन सुनीता, मेजर रितेश शर्मा के पिता सत्य प्रकाश शर्मा आदि सम्मिलित हैं। आज के अवसर पर हम सभी को प्रधानमंत्री जी के पंचप्रणों के साथ जुड़कर मातृभूमि के प्रति अपने योगदान को सुनिश्चित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सीमा सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा तथा प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सैनिक, अर्ध सैनिक व पुलिस बल के जवान पूरी तत्परता व ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं। उन्हें सम्बल देने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार तथा प्रत्येक भारतवासी प्रतिबद्ध है। उन्होंने वीर शहीदों के परिजनों को आश्वस्त करते हुए कहा जिस स्तर पर भी आवश्यकता पड़ेगी, प्रदेश सरकार उनके साथ सदैव खड़ी है। देश के लिए स्वयं का बलिदान देना अतुलनीय कार्य होता है। यह सर्वोच्च त्याग है। लेकिन यदि हम इन शहीद परिवारों का सम्बल बनकर खड़े होंगे तो यह कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में वीर शहीदों के परिवार का सहयोग करने का निर्णय लिया कि देश की सीमा की रक्षा, आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था के लिए स्वयं को समर्पित करने वाले वीर जवानों के शहीद होने पर राज्य सरकार 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता करेगी। परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा। जिस गांव, कस्बे में शहीद का घर है, वहां पर उनकी स्मृति को जीवंत बनाए रखने के लिए उनके नाम पर किसी संस्था, सड़क आदि का नामकरण किया जाएगा। राज्य सरकार इन सेवाओं के माध्यम से वीर शहीदों की स्मृतियों को नमन करने का कार्य कर रही है।
वर्ष 1999 के पश्चात भारत की सीमा सुरक्षा व आंतरिक सुरक्षा की स्थिति अत्यंत सुदृढ़ हुई है। शांति और सौहार्द का वातावरण देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में अमृतकाल की संकल्पनाओं को आगे बढ़ाते हुए स्व के स्थान पर हम देश के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। आजादी के अमृतकाल में भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। अगले तीन वर्षों में देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में समृद्धि के नए सोपान स्थापित करते हुए आत्मनिर्भरता का लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प चरितार्थ किया जा रहा है। प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर 06 नोड पर तेजी के साथ विकसित हो रहा है। यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। देश ही सर्वोपरि है के भाव के साथ कार्य करने का संकल्प ही भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करेगा।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्प व पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय, मेजर रितेश शर्मा, लांस नायक केवलानन्द द्विवेदी तथा राइफलमैन सुनील जंग के परिजनों को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम को नगर विकास मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, शहीदों के परिजन, सैनिक तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।