मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या के राम की पैड़ी पर दीप प्रज्ज्वलन कर दीपोत्सव 2024 का भव्य शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सनातन धर्म की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन और मानवता का मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि यह धर्म सभी के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है और इस शाश्वत व्यवस्था पर प्रहार करने का प्रयास स्वयं के विनाश को आमंत्रण देने जैसा होता है। उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि जो ताकतें भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं, वे त्रेतायुग के रावण और उनके अनुयायियों के समान समाज में विभाजन फैलाने का कार्य कर रही हैं।
अधर्म पर सत्य की विजय का दिया संदेश
योगी आदित्यनाथ ने रावण, मारीच, मेघनाद, और कुंभकरण के प्रसंगों को उद्धृत करते हुए कहा कि इन सभी ने अधर्म का साथ दिया और अंततः विनाश को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि समाज में आज भी कुछ लोग केवल राजनीति के लिए नकारात्मकता और विभाजन फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, जो अपने निजी स्वार्थों के लिए सामाजिक एकता को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का यह दीपोत्सव हमें याद दिलाता है कि जैसे त्रेतायुग में अधर्म का नाश हुआ, वैसे ही आज भी सत्य, न्याय और धर्म का मार्ग प्रशस्त करना हमारी जिम्मेदारी है।
दीपोत्सव को बताया राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपोत्सव का यह आयोजन जहां दीपों की माला से सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को संबल प्रदान करता है, वहीं इसे राष्ट्रीय एकता का एक प्रतीक भी बनाता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक परंपरा का निर्वाह नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा संदेश है, जो समाज को जोड़ता है और दुनिया को भारत की सांस्कृतिक महत्ता से परिचित कराता है।
कोरोना काल में भी नहीं थमा दीपोत्सव का क्रम
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि कोरोना महामारी के कठिन समय में भी दीपोत्सव की परंपरा थमी नहीं, बल्कि इसे और भव्य रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि यह हमारे शाश्वत धार्मिक मूल्यों को बनाए रखने का प्रतीक है, जो केवल अयोध्या के निवासियों का नहीं, बल्कि हर भारतीय का दायित्व है। दीपोत्सव का यह आयोजन प्रभु श्रीराम की नगरी को संपूर्ण विश्व में नई पहचान देने का प्रयास है।
अज्ञानता और अन्याय का अंधकार दूर करना दीपोत्सव का संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपोत्सव केवल अंधकार को दूर करने का पर्व नहीं है, बल्कि यह अधर्म, अन्याय, अज्ञानता और अत्याचार के अंधकार का भी नाश करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि अयोध्या का यह दीपोत्सव समाज को यह संदेश देता है कि प्रकाश का यह पर्व न केवल उजाला फैलाता है, बल्कि अन्याय और विभाजन के हर प्रकार के प्रयास का भी विरोध करता है।
30 हजार स्वयंसेवकों के योगदान को सराहा
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष के दीपोत्सव आयोजन में 30 हजार स्वयंसेवकों की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि आठवें संस्करण तक पहुंचते हुए यह आयोजन जनसहभागिता का एक सजीव उदाहरण बन गया है। स्वयंसेवकों ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना पूरा सहयोग दिया है और यह एक नई अयोध्या की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हर घर में मनाएं दीपावली का पर्व
मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे दीपावली का पर्व उल्लासपूर्ण मनाएं और अपने साथ उन लोगों को भी शामिल करें, जिनके पास साधन कम हैं। उन्होंने कहा कि दीपावली केवल व्यक्तिगत खुशी का पर्व नहीं है, बल्कि इसे समाज के उन लोगों के साथ मिलकर मनाने का पर्व बनाएं, जिनके पास जरूरत के संसाधनों की कमी है।
समाज के लिए एक नई चेतना का प्रतीक है दीपोत्सव
मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों को दीपावली की मंगलमयी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अयोध्या का यह दीपोत्सव केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह पूरे देश और दुनिया के हर सनातनधर्मी के लिए एक संदेश है। दीपों से जगमगाते इस आयोजन से उठता प्रकाश पूरे समाज के लिए एक नई चेतना का प्रतीक है।
आयोजन में श्रीराम भक्तों की बड़ी उपस्थिति के साथ-साथ केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा, कई कैबिनेट मंत्री और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।