लखनऊ। (Haldwani Violence) उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को अचानक हुई हिंसा की आग में जहाँ हल्द्वानी जल उठा। पत्थरबाजी-आगजनी और गोलीबारी में 6 लोगों की मौत हो गई तो सैकड़ों लोग जख्मी हो गए। बड़ी संख्या में मकानों और दुकानों में तोड़फोड़ हुई तो सैकड़ों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। भीड़ ने ऐसा उत्पात मचाया कि पुलिसकर्मियों के लिए अपनी जान की रक्षा मुश्किल हो गई। देर रात तक हल्द्वानी हिंसा की चपेट में रहा। अब पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। (Haldwani Violence) बुलडोजर ऐक्शन शुरू होने के बाद पुलिस पर अचानक हमला कर दिया गया। गलियों में एकत्र भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस और अफसरों की वापसी का रास्ता रोकने के लिए बाइकों में आग लगाकर रास्ते पर गिरा दी गईं। पुलिस की सिटी पेट्रोल कार और नगर निगम के एक ट्रैक्टर को भी आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस और खूफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देर रात तक पत्थरबाजी से पुलिस के दर्जनों अफसरों समेत 200 से अधिक जवान घायल हुए हैं। (Haldwani Violence) हल्द्वानी की आग की आंच उत्तर प्रदेश के लखनऊ तक पहुँच गई है। लखनऊ में जुमे की नमाज को लेकर पुलिस अलर्ट मोड में है और मस्जिदों के बाहर पुलिस फ़ोर्स तैनात की गई है। ताकि हल्द्वानी में हुये बवाल के बाद लखनऊ में कोई घटना ना हो पाए। कोई अराजकतत्व कोई हरकत न हो पाए इसलिए पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जुमे की नमाज (Jume Ki Namaz) के दौरान शांति व्यवस्था बहाल रखने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल को पूरी मुस्तैदी की गई है। वहां पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पैदल मार्च भी कराया गया है। (Haldwani Violence)
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हल्द्वानी में हुआ क्यों ऐसा बवाल
दरअसल कोर्ट के आदेश पर हल्द्वानी नगर निगम अतिक्रमण हटाने में जुटा है। वनभूलपुरा इलाके में स्थित मलिक के बगीचे में नजूल भूमि (जिस पर किसी का मालिकाना अधिकार ना हो) पर मदरसे और एक मस्जिद बना हुआ था। नगर निगम ने इन्हें अवैध बताते हुए ऐक्शन लिया था। इसको लेकर 4 फरवरी की देररात भी बवाल हो गया था। क्षेत्र में तनाव फैलता देख नगर निगम ने किसी आदेश का हवाला देते हुए दोनों स्थलों को सील कर दिया था। इसके बाद अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई को रोक दिया था, लेकिन गुरुवार को नगर निगम के कर्मचारी 4 बजे जेसीबी लेकर वनभुलपूरा थाने पहुंच गए। सील संपत्ति पर अचानक क्यों कार्रवाई की गई, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। (Haldwani Violence)
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अधूरी तैयारी पड़ गई भारी
वनभूलपुरा में गुरुवार को हुए बवाल में पुलिस-प्रशासन की आधी-अधूरी तैयारियों का खामियाजा पूरी फोर्स और सुरक्षाकर्मियों को भुगतना पड़ा। सुरक्षा उपकरणों के नाम पर आधे से ज्यादा पुलिसकर्मी दोपहिया वाहनों पर इस्तेमाल होने वाले हेलमेट के सहारे पत्थरबाजों का सामना कर रहे थे। वहीं न तो पर्याप्त मात्रा में विंड शील्ड थी और न ही बाहरी फोर्स को इलाके के रास्तों का पता था। वहीं हिंसा और आगजनी की घटना में प्रशासनिक विफलता भी उजागर हुई है। घटना को लेकर पिछले दिनों क्षेत्र में फैले तनाव को देखते हुए भी प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई। (Haldwani Violence)
घटना को लेकर कांग्रेस राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने पोस्ट किया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही उन्होंने धामी सरकार पर निशाना भी साधा है. कांग्रेस नेता ने एक्स पर लिखा, “हल्द्वानी उत्तराखंड के हालात दुखद हैं, हल्द्वानी की जनता से शांति की अपील है, पुष्कर धामी सरकार जिस रास्ते पर चल रही है वो घोर जनविरोधी रास्ता है, हल्द्वानी और उत्तराखंड के प्रशासनिक अमले से अनुरोध है कि कानून सम्मत तरीके से कानून व्यवस्था बहाल करें, पूरा देश हल्द्वानी में अमन और शांति के लिये दुआ कर रहा है। नैनीताल जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हमारे पास वीडियो रिकॉर्डिंग से लेकर दंगाइयों के अनेक इनपुट हैं, उन सबको एकत्र किया जा रहा है। नुकसान की भरपाई उन्हीं दंगाइयों के द्वारा की जाएगी। जानकारी जुटाने के लिए दंगाइयों के पोस्टर भी जारी किए जाएंगे। पुलिस और प्रशासन ने धैर्य का परिचय दिया है। अवैध अतिक्रमण पर हमारा अभियान रुकने वाला नहीं है। (Haldwani Violence)
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