ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने तथा ग्रामवासियों को स्वरोजगार के अवसर सुलभ कराने के लिए पर्यटन विभाग पर्यटकों को गांवों में भ्रमण कराने की योजना पर कार्य कर रहा है। इसके तहत पर्यटक स्थानीय लोगों के घरों में ठहरने के साथ ही स्थानीय व्यंजनों का आनन्द ले सकेंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग ने प्रत्येक पर्यटक गांव में होम-स्टे जैसी योजना तैयार की है। इससे ग्रामवासियों को जहां एक ओर आमदनी के स्रोत बढ़ेगे, वहीं दूसरी ओर पर्यटकों को गांवों में रहने की एक नई अनुभूति प्राप्त होगी। इसके तहत 229 गांव का चयन किया गया है। इन गांवों को पर्यटन गांवों के रूप में विकसित किया जायेगा।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने देते हुए बताया कि पर्यटन सेक्टर को गांवों तक ले जाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उ0प्र0 में धार्मिक, अध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में विशेष स्थान रखता है। इसके अलावा ईको, एग्री, रूरल, एडवेंचर सहित पर्यटन की अन्य संभावनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है। इन चयनित गांवों में ठहरने के लिए उत्तम व्यवस्था की जा रही है। ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। हर पर्यटक गांव में होम-स्टे बनाये जा रहे हैं।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटकों को गांवों में ठहरने के साथ ही स्थानीय व्यंजनों का आनन्द लेने का अवसर प्राप्त होगा। इसके साथ ही प्रकृति के करीब रहकर ग्रामीण जीवन की अनुभूति प्राप्त होगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से चयनित गांवों के लोगों को मा0 कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान लखनऊ में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दूसरे बैच की ट्रेनिंग आगामी 22 जुलाई से 26 जुलाई तक होगी। इसमें 30 होम-स्टे संचालकों को होम-स्टे से जुड़े नियम, कानून, संचालित करने का तरीका, कम्युनिकेशन, मार्केटिंग के साथ बुनियादी कौशल, स्थानीय व्यंजनों, हस्तशिल्प, कलाकृति, स्थानीय तीज त्योहारों के बारे में जानकारी तथा स्वच्छता एवं सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि होम-स्टे के तहत पर्यटक स्थानीय समुदाय के साथ घुलमिल सकेंगे। इसके अलावा तीज त्यौहार, स्थानीय परम्परायें, रीत-रिवाज, भेष-भूषा, कृषि कार्य, ग्रामीण संस्कृति, गीत-संगीत आदि के बारे में नजदीक से जान सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना के अनुभव तथा गांवों की सांस्कृतिक विरासत परम्पराओं के बारे में अपने अनुभव को साझा करेंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी तथा होम-स्टे के क्षेत्र में निवेश भी आयेगा और जो प्रदेश की 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकेगा।