Wednesday , March 12 2025

प्रमुख सचिव पंचायतीराज ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अन्तर्गत संचालन एवं रख-रखाव का किया शुभारंभ

प्रमुख सचिव पंचायतीराज विभाग श्री अनिल कुमार ने आज दयाल गेटवे विभूतिखण्ड गोमतीनगर लखनऊ में आयोजित कार्यशाला स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) संचालन एवं रखरखाव नीति का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उक्त कार्यशाला का उद्देश्य ग्राम पंचायतों के स्तर पर स्वच्छता एवं सतत् विकास को लेकर संचालन तथा रख-रखाव नीति 2025 के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा है।

प्रमुख सचिव ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत सृजित की गयी परिसम्पत्तियों के प्रभावी रख-रखाव हेतु नीति तैयार की जा रही है। जिससे कि ग्राम में स्वच्छता, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन को प्रभावी बनाया जा सके। विभाग द्वारा निदेशक, पंचायतीराज की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमेटी गठित कर डेवलपमेंट पार्टनर एवं विभागां के सहयोग से नीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। ग्रामों में मुख्यतः ठोस अपशिष्ट का प्रबन्धन, तरल अपशिष्ट का प्रबन्धन, प्लास्टिक वेस्ट का प्रबन्धन, फीकल स्लज का प्रबन्धन तथा गोबर्धन परियोजना के अन्तर्गत बायोगैस यूनिट का निर्माण एवं व्यक्तिगत व सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की गतिविधियां संचालित की जा रही है।

प्रमुख सचिव ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखकर नीति बनाने की आवश्यकता है, जो स्वच्छता के क्षेत्र में सृजित की गयी परिसम्पत्तियों के संचालन एवं रखरखाव हेतु एक व्यवहारिक नीति के रूप में समेकित रूप से कार्य कर सके। इस तैयार की गयी ड्राफ्ट नीति में ग्राम पंचायत स्तर पर सृजित होने वाली समस्त स्वच्छता से सम्बन्धित परिसम्पत्तियों के समुचित प्रबन्धन एवं रख-रखाव बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), 15वां केन्द्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग एवं मनरेगा की धनराशि से ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबन्धनों के कार्यां को कराते हुए प्रदेश के समस्त ग्रामों को ओ0डी0एफ0 प्लस ग्राम घोषित किये गये है, जिनमें से प्रदेश के कुल ग्राम 96,174 ग्रामों के सापेक्ष 85,827 ग्रामों को ओ0डी0एफ0 प्लस की मॉडल श्रेणी के ग्रामों में घोषित किये गये है।

निदेशक, पंचायतीराज श्री राजेश कुमार त्यागी ने इस अवसर पर अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि पंचायतीराज व्यवस्था अन्तर्गत ग्राम पंचायत में सृजित की गयी परिसम्पत्तियों के अनुरक्षण का उत्तरदायित्व मूल रूप से पंचायतीराज व्यवस्था का है, तैयार की गई नीति में पंचायतीराज व्यवस्था अन्तर्गत निहित निधियों एवं कार्य व्यवहार के सैद्धान्तिक पक्ष को सम्मिलित किया गया है। विस्तृत शासनादेश एवं प्रक्रिया पृथक से प्रेषित की जायेगी।

कार्यशाला को डा0 जकारी एडम-सीएफओ यूनीसेफ ने सम्बोधित करते हुए अपने विचार रखे कि ग्राम पंचायतों में सृजित परिसम्पत्तियों के रख-रखाव के लिए यह नीति प्रभावी रूप से कार्य करेगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता, कचरा प्रबन्धन एवं मलीय अपशिष्ट के प्रबन्धन की दिशा में एक ठोस कदम उठायेगी। यह ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले बच्चों, महिलाओं एवं समुदाय के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार करने में प्रभावी सिद्ध होगा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं पंचायतीराज विभाग को इस नीति को तैयार करने के लिए यूनिसेफ एवं सहयोगी डेवलेपमेन्ट पार्टनर की ओर से धन्यवाद ज्ञापित कर रहा हॅू।
कार्यशाला में मिशन निदेशक राज कुमार, संयुक्त निदेशक एसएन सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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