इनकम टैक्स विभाग पिछले डेढ़ महीने से सभी लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रखकर केन्द्र की मोदी सरकार ने आयकर विभाग को सामने रखकर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एक असंवैधानिक एवं गैर कानूनी युद्ध छेड़ रखा है।
कई-कई साल पुराने मामलों को उठाकर अनाप-सनाप जुर्माना लगाया जा रहा है। वर्ष 2016-17 के एक मामले में पिछले डेढ़ महीने से कांग्रेस पार्टी के सभी खातों को सीज कर दिया गया और आयकर अधिकारियों द्वारा बैंकों पर दबाव डालकर पार्टी के खातों से जबरिया 135 करोड़ रूपयों का स्थानांतरण सरकारी खातों में कर दिया गया जिसको लेकर आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया

आयकर विभाग ने कांग्रेस को 1823.08 करोड़ की नोटिस थमाई
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह आरोप है कि भाजपा के फ्रन्टल संगठन के तौर पर कार्य करते हुए आयकर विभाग ने सभी नियम और कानूनों को ताक पर रख दिया है और एक वर्ष 1993-94 के पुराने मामले में भी 53.9 करोड़ का नोटिस दिया है। आयकर विभाग अपने ही इनकम टैक्स के सेक्शन-13 जिसमें राजनीतिक दलों को आयकर से मुक्त किया गया को मोदी सरकार के दबाव में पढ़ नहीं पा रहा है।
शायद ही इस देश में लोकतंत्र जैसा कुछ बचा है। जब लोकसभा चुनाव मुहाने पर है भारत के प्रमुख विपक्षी दल से जमीन पर लड़ने के बजाय पूरी संवैधानिक मशीनरी का दुरूपयोग कर उसे चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है।
दुर्भाग्य देखिए आयकर विभाग के नियमों का सबसे ज्यादा दुरूपयोग भाजपा द्वारा किया जाता है। इनकम टैक्स के फार्मेट 24- ए में राजनीतिक दलों को अपने आप से जुड़ी समस्त सूचना देनी होती है। जिसमें 2 जानकारियां सबसे महत्वपूर्ण होती है दानकर्ता का नाम एवं उसका पता। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2022-23 के बीच में इस नियम का घनघोर उल्लंघन भाजपा ने किया है। इस लिहाज से भाजपा पर 4617.58 करोड़ जुर्माना लगना चाहिए मगर आयकर विभाग भाजपा के इस कुकृत्य पर आंख बंद कर बैठा हुआ है।
लखनऊ कांग्रेस जिला अध्यक्ष वेद त्रिपाठी ने बताया कि सरकार की तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या किए जाने को लेकर महामहिम राष्ट्रपति महोदया को संबोधित ज्ञापन पुलिस कमिश्नर के माध्यम से सौंपा गया जिसमें महामहिम जी से अनुरोध किया गया कि भाजपा सरकार के इशारे पर संवैधानिक संस्थाओं के माध्यम से विपक्षी पार्टियों पर किये जा रहे इस प्रकार के अलोकतांत्रिक हमलों को तत्काल प्रभाव से रोका जाये, जिससे देश में स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया जीवित रहे।