लखनऊ। (UP Budget 2024) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट (UP Budget 2024) प्रस्तुत किया। सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट है। बजट का आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड 71 लाख रुपये (7,36,437.71 करोड़ रूपये) है। बजट में 24 हजार 863 करोड़ 57 लाख रुपये (24,863.57 करोड़ रूपये) की नई योजनाएं भी शामिल की गई हैं। प्रदेश सरकार के बजट में महिला, युवा, किसान और रोजगार सृजन पर सर्वाधिक जोर दिया गया है। (UP Budget 2024)
योगी सरकार के बजट में 6 लाख 6 हजार 802 करोड़ 40 लाख रुपये (6,06,802.40 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियां तथा 1 लाख 14 हजार 531 करोड़ 42 लाख रुपये (1,14,531.42 करोड़ रुपये) की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। इसके अलावा राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 4 लाख 88 हजार 902 करोड़ 84 लाख रुपये (4,88,902.84 करोड़ रुपये) है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 2 लाख 70 हजार 86 करोड रुपये (2,70,086 करोड़ रुपये) तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 2 लाख 18 हजार 816 करोड़ 84 लाख रुपये (2.18,816.84 करोड़ रुपये) शामिल है। यूपी के इस वित्तीय वर्ष के बजट में 5 लाख 32 हजार 655 करोड़ 33 लाख रुपये (5.32,655.33 करोड़ रुपये) राजस्व लेखे का व्यय है, जबकि 2 लाख 3 हजार 782 करोड़ 38 लाख रूपये (2.03.782.38 करोड़ रुपये) पूंजी लेखे का व्यय है। वहीं समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के बाद 15 हजार 103 करोड़ 89 लाख रुपये (15,103.89 करोड़ रुपये) का घाटा अनुमानित है। (UP Budget 2024)
इसके अलावा लोक लेखा से 5 हजार 500 करोड़ रुपये (5,500 करोड़ रुपये) की शुद्ध प्राप्तियां भी अनुमानित हैं। साथ ही समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 9 हजार 603 करोड 89 लाख रुपये (9.603.89 करोड़ रुपये) ऋणात्मक अनुमानित है। प्रारम्भिक शेष 38 हजार 189 करोड़ 66 लाख रुपये (38,189.66 करोड़ रुपये) को हिसाब में लेते हुये अन्तिम शेष 28 हजार 585 करोड़ 77 लाख रुपये (28,585.77 करोड़ रुपये) अनुमानित है। बजट में राजस्य बचत 74 हजार 147 करोड़ 07 लाख रुपये (74.147.07 करोड़ रुपये) अनुमानित है। राजकोषीय घाटा 86 हजार 530 करोड़ 51 लाख रुपये (86,530.51 करोड़ रुपये) अनुमानित है, जो वर्ष के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.46 प्रतिशत है। (UP Budget 2024)
यूपी बजट के मुख्य बिंदु:
-उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के अन्तर्गत पात्र इकाईयों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किये जाने हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में तीन गुनी है।
-उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2017 के अन्तर्गत 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।
-प्रदेश में औसत गन्ना उत्पादकता 72 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 84 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गयी है। गन्ने के साथ सहफसली खेती का आच्छादन बढ़ने से कृषकों को 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आमदनी हुई।
-वर्तमान पेराई सत्र 2023-2024 में 29.66 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती तथा चीनी का उत्पादन 110 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है।
-किसान सहकारी चीनी मिल, ननौता, जनपद सहारनपुर की कार्यक्षमता सुधार, सहकारी चीनी मिल लिमिटेड, गजरौला, जनपद अमरोहा की पेराई क्षमता 2500 टीसीडी से बढ़ाकर 4900 टीसीडी करने तथा सल्फरलेस रिफाइण्ड शुगर का उत्पादन करते हुये एक लाख लीटर प्रतिदिन एथनॉल उत्पादन क्षमता की आसवनी एवं कम्पे्रस्ड बायो गैस प्लाण्ट की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
-पिपराईच एवं मुंडेरवा में स्थापित 5000 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिलों में 27 मेगावाॅट के बिजली उत्पादन संयंत्र तथा सल्फरलेस शुगर प्लांट की स्थापना भी की गयी है।
-नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय गोण्डा का संचालन शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से करते हुए पठन-पाठन कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
-कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में विभिन्न नये कार्यों हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 106 करोड़ 95 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना हेतु 74 करोड़ 21 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है।
-उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को प्रोत्साहन स्वीकृत किये जाने हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-जनपद मथुरा में 30 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता (विस्तारीकरण 01 लाख लीटर प्रतिदिन) के नवीन डेरी प्लान्ट के निर्माण हेतु 23 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-गो संरक्षण एवं निराश्रित/बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 303 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र संचालित हंै।
-प्रदेश में लगभग 7,239 गोवंश आश्रय स्थल संचालित है। इन आश्रय स्थलों में शहरी तथा ग्रामीण अंचलों में कुल 14 लाख 38 हजार गोवंशीय पशु संरक्षित किये गये हैं।
-पशुरोग नियंत्रण योजना हेतु 195 करोड़ 94 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 68 प्रतिशत अधिक है।
-जनपद गोरखपुर एवं भदोही में पशुचिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-जोखिम प्रबंधन एवं पशुधन बीमा योजना हेतु 78 करोड़ 55 लाख रुपये प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना है।
-प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाये जाने के दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक संचालित है।
-प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत एक्वा पार्क के निर्माण की नयी योजना हेतु 190 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत पुरूष एवं महिला लाभार्थियों को आच्छादित किये जाने हेतु कुल 310 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-वर्ष 2023-2024 में दिसम्बर, 2023 तक 8,787 करोड़ रुपये का अल्पकालिक ऋण वितरित किया गया जिसका लाभ 14.35 लाख कृषकों को प्राप्त हुआ।
-वर्ष 2023-2024 में दिसम्बर, 2023 तक 257 करोड़ रुपये का दीर्घकालिक ऋण वितरित किया गया।
-प्रारम्भिक सहकारी ऋण समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु 525 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-भण्डारण योजना के अन्तर्गत पैक्स के गोदामों के सुदृढ़ीकरण एवं मरम्मत हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
रबी विपणन वर्ष 2023-24 हेतु भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 2125 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया। प्रदेश में 54,684 कृषकों से 2.20 लाख मीट्रिक टन गेहूँ क्रय किया गया, जिसके सापेक्ष कृषकों के बैंक खातों में लगभग 466 करोड 35 लाख रुपये का सीधे भुगतान किया गया।
-खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य काॅमन श्रेणी हेतु 2183 रुपये प्रति -कुन्तल एवं ग्रेड-ए श्रेणी हेतु 2203 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया। अद्यतन लगभग 7.50 लाख कृषकों से 50.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीद की गयी जिसके सापेक्ष कृषकों के बैंक खातों में 10,856 करोड़ रुपये का सीधे भुगतान किया गया।
-खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मक्का, बाजरा तथा ज्वार के लिये भी भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये गये। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करते हुये किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान किया गया।
-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत वर्ष 2023-2024 में 56 लाख से अधिक लाभार्थियों को निशुल्क गैस सिलिन्डर वितरित किये गये हैं।
-अन्न पूर्ति योजना हेतु 17,661 करोड़ 60 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। यूपी बजट पेश करने जाते वित्त मंत्री और साथ में सीएम योगी आदित्यनाथ
-निशुल्क खाद्यान्न एवं उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निशुल्क एलपीजी सिलिन्डर रीफिंल उपलब्ध कराये जाने हेतु 2200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के -उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ प्रारम्भ किया जा रहा है जिसके लिये 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना जो 2023 से संचालित है में अधिकतम 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता सूक्ष्म उद्यमियों को दिये जाने की व्यवस्था है।
-निजी क्षेत्र में औद्योगिक संस्थानों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश में 10 प्लेज पार्क स्थापित किये जा रहे हैं।
-वित्तीय वर्ष 2024-2025 में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में 40,000 रोजगार सृजन का लक्ष्य है। प्रदेश में टेक्सटाइल्स के नये हब बनाकर निवेश एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जायेगा।
-प्रदेश सरकार द्वारा हथकरघा बुनकरों के साथ-साथ पावरलूम बुनकरों के उत्थान के लिये अटल बिहारी बाजपेई पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना हेतु 400 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव है।
-पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल्स एण्ड अपैरल योजना के अन्तर्गत लखनऊ-हरदोई में लगभग 1000 एकड़ क्षेत्रफल में मेगा टेक्सटाइल पार्क स्वीकृत किया गया है। यह पार्क टेक्सटाइल एवं परिधान क्षेत्र में दस से पन्द्रह हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करेगा जिससे लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। पार्क की स्थापना हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-जनपद वाराणसी में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलाजी (निफ्ट) की स्थापना के लिये भूमि क्रय हेतु 150 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
-पं. दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत लाभार्थियों को ब्याज उपादान की सुविधा 3 वर्षों तक दिये जाने का प्राविधान है। योजना हेतु 14 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सत्त रोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत 15 करोड़ 75 लाख की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-प्रदेश में माटी कला के परम्परागत कारीगरों को रोजगार से जोड़ने हेतु माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम के लिए 11 करोड़ 25 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-उत्तर प्रदेश डाटा सेन्टर नीति-2021 के अन्तर्गत 03 अत्याधुनिक निजी डाटा सेन्टर पाक्र्स विकसित करने तथा राज्य में 250 मेगावाॅट डाटा सेन्टर उद्योग का विकास किये जाने का लक्ष्य था।
-नीति को अधिक युक्तिसंगत बनाते हुये 08 डेटा सेन्टर स्थापित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें प्रदेश में 30,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से 900 मेगावॉट क्षमता के सृजन का लक्ष्य रखा गया है।
-उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति-2017 के तहत 20,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश का लक्ष्य प्राप्त किया गया तथा लगभग 3 लाख रोजगार सृजित हुये।
-सरकार द्वारा अधिसूचित नई इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति-2020 के अन्तर्गत 40,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने तथा राज्य में 03 सेण्टर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है।
-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023 में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्षेत्र के 210 सम्भावित निवेशकों से लगभग 3867 करोड़ रुपये के निवेश और लगभग 2.15 लाख व्यक्तियों हेतु रोजगार सम्भावनाओं युक्त अभिरूचियां प्राप्त हुई है।
-छात्र/छात्राओं के लिये यूनिफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता मोजा एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिये क्रय प्रक्रिया को बन्द करते हुये -डी0बी0टी0 के माध्यम से 1200 रुपये प्रति बच्चे की दर से धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में हस्तान्तरित की जा रही है।
-कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं के लिये निशुल्क स्वेटर एवं जूता-मोजा उपलब्ध कराने हेतु 650 करोड़ तथा स्कूल बैग हेतु 350 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
-अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के 02 लाख से अधिक बच्चों को वित्तीय वर्ष 2024-2025 मे प्रवेश दिलाये जाने का लक्ष्य है, जिस हेतु 255 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 300 करोड रुपये से ग्राम पंचायत एवं वॉर्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना करायी जा रही है जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 498 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
वनटांगिया गावों में 36 प्राथमिक विद्यालयों के संचालन हेतु 144 पद सृजित किये गये है।
गरीबी रेखा से ऊपर के लगभग 30 लाख छात्रों को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 168 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वर्ष 2024-2025 तक प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को आधारभूत सुविधाओं से संतृप्त किये जाने एवं प्रत्येक राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास तथा आई.सी.टी. लैब की व्यवस्था किये जाने हेतु समग्र शिक्षा योजना के अन्तर्गत 516.64 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
नवीन राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
राजकीय संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास एवं मिनी स्टेडियम के निर्माण हेतु 10.46 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सैनिक स्कूल, गोरखपुर के संचालन हेतु 4 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
विन्ध्याचल धाम मण्डल में मां विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद मंडल मे एक राज्य विश्वविद्यालय तथा देवी पाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिये 51.20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
शिक्षा को प्रोत्साहित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजनान्तर्गत 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना तथा राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किये जाने हेतु 55 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 169 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 75 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन- अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पी0पी0पी0 मोड पर संचालित किया जाना है।
वर्तमान में 1874 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र- छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
एकेटीयू की ओर से उत्तर प्रदेश स्टार्ट अप पालिसी-2020 के अन्तर्गत विश्वविद्यालय परिसर में सेन्टर ऑफ एडवांस स्टडीज के अन्तर्गत एक इनोवेशन हब की स्थापना की गयी है जिसके अन्तर्गत 15 इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित है। उक्त के साथ-साथ 265 स्टार्टअप्स ऑन बोर्ड हो गये हैं।
हमारी सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लिया गया है। वर्तमान में माध्यमिक स्तर के 804 राजकीय एवं 729 सहायता प्राप्त विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रवीण योजनान्तर्गत 301 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था है।
युवाओं को दीर्घकालीन और अल्पकालीन रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन तथा असेवित क्षेत्रों में नवीन केन्द्रों की निजी संस्थाओं की भागीदारी के साथ स्थापना भी की जा रही है।
उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित पाठ्यक्रम- बीबीए (रिटेल), बीबीए (लॉजिस्टिक), बीबीए (हेल्थकेयर) एवं बीबीए (टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी) के लिये 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है।
व्यावसायिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिये कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये व्यावहारिक या वोकेशनल ओरियेंटेशन कार्यक्रम तथा माध्यमिक स्तर पर वित्तीय वर्ष 2024-2025 में व्यावसायिक शिक्षा योजना के सुदृढ़ीकरण हतु विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स माॅडल के रूप में विकसित करते हुये स्थानीय मांग एवं ओ0डी0ओ0पी0 के अनुरूप अधिकाधिक विद्यार्थियों को जाॅब रोल/सेक्टर में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एवं नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किये जाने की योजना है।
इसमें राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यू0पी0 बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ कम्प्यूटर शिक्षा में प्रमाण-पत्र प्रदत्त किये जाने पर बल दिया जायेगा।
विद्यार्थियों को प्राप्त किये जाने वाले कौशल प्रशिक्षण के क्रेडिट उनके क्रेडिट बैंक में सम्मिलित किया जायेगा। इससे विद्यार्थियों को रोजगार के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त होगा।
टाटा टेक्नोलोजीज लिमिटेड की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण अन्तिम चरण में गतिमान है।
प्रदेश के अन्य ऐसे अवशेष 69 संस्थान जहाॅ कम से कम 5000 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है का उन्नयन वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 818.75 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों में अध्ययनरत खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण की आवश्यकता के दृष्टिगत 50 अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को मानदेय 1.50 लाख रुपये प्रतिमाह पर प्रशिक्षण हेतु आबद्ध किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
विभिन्न जनपदों में खेल अवस्थापनाओं के विकास हेतु 195 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 67 प्रतिशत अधिक है।
प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
स्पोर्टस साइन्स एण्ड इन्जरी सेन्टर की स्थापना हेतु 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा नदी तक के मार्ग के विस्तारीकरण/सौन्दर्यीकरण के पश्चात श्रद्धालुओं की संख्या में 4 से 5 गुना वृद्धि हुई है।
जनपद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य के दृष्टिगत पर्यटकांे एवं श्रद्धालुओं की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 03 पहुंच मार्गों का चैड़ीकरण/सौन्दर्यीकरण का कार्य एवं 6 स्थानों पर पार्किग तथा जन सुविधाओं का विकास कार्य किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं अपितु सरप्लस राज्य के रूप में देश में अपना स्थान बनाये हुए है।
प्रदेश में कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 241.70 लाख हेक्टेयर है, जिसमें 160.95 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.1 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य है।
कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 2400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।
पीएम कुसुम योजना के क्रियान्वयन हेतु 449 करोड़ 45 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है।
कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से तीन नई योजनायें प्रारम्भ की जा रही है। राज्य कृषि विकास योजना, विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीज योजना तथा प्रदेश के विकास खंडों एवं ग्राम पंचायतों में ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन- ऑटोमैटिक रेन गेज की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इन योजनाओं के लिए 200 करोड़ रुपये, 200 करोड़ रुपये एवं 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना प्रारम्भ की जा रही है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) हेतु 4867 करोड़ 39 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है।
बहुउद्देशीय पंचायत भवनों के निर्माण हेतु लगभग 57 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
उत्तर प्रदेश मातृ भूमि योजना हेतु 33 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपेन जिम के निर्माण हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वाले व्यक्तियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने तथा प्रदेश में सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत शौचालयों का वृहद पैमाने पर निर्माण कर प्रदेश को ओडीएफ करने में उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2016 में मात्र 1.40 लाख आवास स्वीकृत किये गये थे जबकि हमारी सरकार द्वारा अब तक 36 लाख 15 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं जिनमें से 34 लाख 14 हजार आवास पूर्ण किये जा चुके हैं और शेष निर्माणाधीन है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 2441 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-2019 से 2023-2024 तक अद्यावधिक 2 लाख 3 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है। योजना हेतु 1140 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
विधान मण्डल क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में विकास कार्यों के लिये 2520 करोड़ रुपये (जीएसटी सहित) की व्यवस्था प्रस्तावित है।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के क्रियान्वयन हेतु लगभग 5060 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन हेतु लगभग 3695 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 3668 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
त्वरित आर्थिक विकास योजना हेतु 2400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
जनपदों की स्थानीय आवश्यकताओं की तात्कालिकता को देखते हुए विभिन्न विकास कार्यों के क्रिटिकल गैप्स की पूर्ति हेतु क्रिटिकल गैप्स योजना के अन्तर्गत 95 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
पूर्वांचल विकास निधि हेतु 575 करोड़ रुपये एवं बुन्देखण्ड विकास निधि हेतु 425 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2007 से 2017 तक प्रदेश में मात्र 2.51 लाख मकान निर्मित किये गये, जबकि वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में लगभग 17.65 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल लगभग 35,236 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तान्तरित की गयी है। योजना हेतु लगभग 3948 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वर्ष 2021 में शुरू की गई अमृत 2.0 योजना के लिए 4500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
महाकुम्भ मेला 2025 का भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किये जाने हेतु 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रुपये प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 60 प्रतिशत अधिक है।
प्रदेश के शहरों को बाढ़ की समस्या एवं जलभराव से मुक्ति हेतु अर्बन फ्लड एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना प्रारम्भ की गयी जिस के लिये 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती विकास योजना हेतु 675 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है।
नगरीय सेवायें और अवस्थापना विकास की नई योजना हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
राज्य स्मार्ट सिटी योजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 63 प्रतिशत अधिक है।
कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु 400 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है।
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण- नये शहर प्रोत्साहन के अन्तर्गत टाउनशिप विकसित किये जाने हेतु वर्ष 2024-2025 के बजट में 3000 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 914 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 395 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
आगरा मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 346 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
अयोध्या के सर्वांगीण विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोपवे सेवा विकसित किये जाने हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत आगामी 5 वर्षों में 22000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्ष 2017 में 288 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थी जो अब लगभग 2600 मेगावॉट है।
प्रदेश में अब तक 328 मेगावॉट की सोलर रूफटॉप परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है।
अयोध्या एवं वाराणसी शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु अब तक लगभग 3.35 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है।
पीएम कुसुम घटक सी-1 के अन्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्पों के सोलराईजेशन हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुना है।
उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।
वर्ष 2023-2024 में अप्रैल से दिसम्बर तक जनपद मुख्यालय पर 24 घन्टे, तहसील मुख्यालय पर 21ः34 घन्टे और ग्रामीण क्षेत्र में 18ः09 घन्टे विद्युत आपूर्ति की गयी।
वर्ष 2017-18 से 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किये जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी। इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए।
पारेषण तंत्र की कुल क्षमता जो वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाॅट थी, को वर्ष 2022-2023 में बढ़ाकर 28,900 मेगावाॅट तक किया गया है, जिसे वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक बढ़ाकर 31,500 मेगावाॅट तक किया जाना लक्षित है।
भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कारिडोर-2 परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु 4000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर पार्क का विकास किया जाना नियोजित है।
वर्ष 2016-2017 में उत्पादन निगम लिमिटेड की इकाईयों का कुल विद्युत उत्पादन 33,556 मिलियन यूनिट था जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 39,746 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन प्राप्त किया गया है।
ग्रीष्मकाल में अनवरत विद्युत आपूर्ति हेतु 2000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।
निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस- उड़ान) तथा राज्य सरकार की उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति के माध्यम से की जा रही है।
पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में वायुयान द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में 19.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
हवाई कनेक्टिविटी के लिए चयनित एयरपोर्ट्स यथा अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती तथा चित्रकूट को विकसित किया जा चुका है तथा म्योरपुर (सोनभद्र) और सरसावा (सहारनपुर) एयरपोर्ट्स का विकास कार्य प्रशस्त है।
अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम का विकास कराया गया है। अयोध्या में एयरपोर्ट की स्थापना एवं विस्तार हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
हवाई पट्टियों के निर्माण, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण तथा भूमि अर्जन हेतु भूमि क्रय मद में 1100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
गौतमबुद्व नगर जिले के जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना कार्य एवं भूमि क्रय के लिए 1150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
हमारी सरकार द्वारा 31 सिंचाई परियोजनायें पूर्ण की गई, जिससे 22 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता सृजित हुई। इसका लाभ 46 लाख 69 हजार कृषकों को प्राप्त हुआ।
विभिन्न जिलों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इन कार्यों से लगभग 1.33 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनस्र्थापना होगी तथा लगभग 1.10 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।
नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं (नाबार्ड पोषित) के लिए 1530 करोड़ 60 लाख रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
डार्क जोन के असफल 569 नलकूपो के लिये 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
जल जीवन मिशन हेतु 22,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिसमें 2000 करोड़ रुपये की धनराशि अनुरक्षण मद हेतु है।
मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1020 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वर्षा जल संचयन एवं भू-जल संवर्द्धन योजना हेतु 80 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 51 प्रतिशत अधिक है।
ग्राउंड वॉटर रीचार्जिंग एवं चेकडैम निर्माण हेतु 65 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत अधिक है।
राज्य राजमार्गों के चैड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्यों के लिए 2881 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1750 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रुपये तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
औद्योगिक- लॉजिस्टिक पार्क के लिए 4 लेन सड़कों के चैड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं निर्माण कार्य के लिए 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों का चौड़ीकरण एवं सदृढ़ीकरण, नवनिर्माण, पुर्ननिर्माण कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
रेलवे उपरिगामी- अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1350 करोड़ रुपये एवं ग्रामीण सेतुओं हेतु 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
शहरों एवं कस्बों में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए शहरों मेें फ्लाईओवर आदि के निर्माण हेतु 1000 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
बुंदेलखंड क्षेत्र में एक नये औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) का गठन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अनुरूप बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक वाणिज्यिक और आवासीय टाउनशिप विकसित करने की योजना है।
सेमी कंडक्टर, डाटा सेन्टर, स्टार्टअप एवं आईटी सेक्टर्स से संबंधित विशेष योजना के साथ ही वर्ष 2022 में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिये नीति भी लागू की गई है।
प्रदेश में डिफेंस काॅरीडोर में बड़े पैमाने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। डिफेंस कॉरीडोर के 6 नोड्स में से 3 नोड्स का आवंटन पूर्ण हो चुका है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कम्पनियों के निवेश को आकर्षित करने के लिये फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेन्ट एवं फॉर्च्यून 500 कम्पनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति- 2023 घोषित की है।
किसी भी राज्य द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित करने का यह अपनी तरह का पहला प्रयास है। नीति के क्रियान्वयन हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। यूपी का सबसे बड़ा बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना
स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत टैबलेट- स्मार्ट फोन वितरण के लिए 4000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्तमान वर्ष में 25 लाख से अधिक टैबलेट/स्मार्टफोन बाटे गये है यह प्रक्रिया गतिमान है।
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए 2057 करोड़ 76 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है।
आगरा- लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने हेतु नए लिंक एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
अटल इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 33 प्रतिशत अधिक है।
अवस्थापना और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में आज उत्तर प्रदेश एक अग्रणी प्रदेश के रूप में उभरा है। अपराध पर लगाम लगी है, अपराधियों का प्रदेश से सफाया हो चुका है।
आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में 1600 हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर स्थापित किया जाना लक्षित है। 1035 राजकीय आयुर्वेदिक होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सालयों को हेल्थ वेलनेस सेन्टर्स में परिवर्तित किया जा रहा है।
प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथी चिकित्सालयों के साथ ही 8 आयुर्वेदिक, 2 यूनानी तथा 9 होम्योपैथी कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय क्रियाशील हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-2025 में आयुष विभाग के अन्तर्गत प्रमुख रूप से महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने, जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है।
राजकीय आयुष महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में औषधियों की समुचित व्यवस्था तथा 50 बेडेड एकीकृत आयुष चिकित्सालय 11 जनपदों में स्थापित है तथा 6 जिलों में भवन निर्माण पूर्ण हो चुका है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 7350 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना आदि कार्यों हेतु 952 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 322 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अन्तर्गत आबद्ध निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार की व्यवस्था की गयी है जिस पर कुल 150 करोड़ रुपये का व्यय भार अनुमानित है, जिसका पूर्ण वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।
प्रदेश में 65 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित है।
वर्तमान में 45 जनपद मेडिकल कॉलेजों से आच्छादित किये जा चुके हैं व 14 जनपदों में केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल काॅलेज निमाणाधीन हैं। 16 असेवित जनपदों में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल काॅलेज स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिग कॉलेजों की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 की गयी।
वाराणसी जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है इसके लिये 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा हेतु 125 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ट्रॉमा सेन्टर लेवल-द्वितीय को ट्रामा सेन्टर लेवल-एक ( 100 बेडेड) और एपेक्स ट्रामा सेन्टर (200 बेडेड) में उच्चीकृत किये जाने के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सरकार प्रदेशवासियों को अपराध एवं भयमुक्त वातावरण देकर रामराज्य की संकल्पना को साकार करने में पूरी तरह सफल रही है।
विविध त्यौहारों एवं यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023, आजादी का अमृत महोत्सव, जी-20 सम्मेलन, क्रिकेट विश्व कप-2023 जैसे वृहद आयोजनों को शान्तिपूर्ण एवं सुरक्षित ढंग से सम्पन्न कराया गया।
अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किये गये प्रबंधों की सराहना देश-दुनिया से आये अतिथियों ने की ।
वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2023 में डकैती के मामलों में 87 प्रतिशत, लूट में 76 प्रतिशत, हत्या में 43 प्रतिशत, बलवा में 65 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण में 73 प्रतिशत की कमी हुई है।
ऑपरेशन त्रिनेत्र के अन्तर्गत 8,54,634 सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन किया जा चुका है।
अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2024 तक पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर 1,55,830 भर्तियाँ तथा 1,41,866 पदोन्नतियां की गयी हैं।
महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी परियोजना में महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, इंटीग्रेशन, डार्क स्पॉट्स का चिन्हीकरण एवं लाइट्स लगाना, हॉट प्वाइंट्स को चिन्हित करने, पिंक बूथों की स्थापना तथा बस- टैक्सियों में पैनिक बटन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024- 25 का बजट पेश किए जाने के दौरान यूपी विधानसभा का नजारा
3 महिला पीएसी बटालियन जनपद लखनऊ, गोरखपुर एवं बदायूं में स्थापित हैं। बलरामपुर, जालौन, मिर्जापुर, शामली और बिजनौर जिले में 5 अन्य पीएसी बटालियन स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियां गठित की गयी हैं।
महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण के लिए 1,699 एण्टी रोमियों स्क्वॉयड का गठन कर अनवरत अभियान चलाया जा रहा है।
समस्त थानों में साइबर क्राइम सेल गठित किया गया है। वर्तमान में सभी 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाना संचालित है।
होमगार्ड स्वयंसेवकों की मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को 05 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाती है। दुर्घटना बीमा योजनान्तर्गत, होमगार्ड्स को 30 लाख रूपये की बीमा सुविधा प्रदान की गयी है।
वर्ष 2007 से 2017 तक की 10 वर्ष की अवधि में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 60,970 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता के रूप में 638 करोड़ 26 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में वर्ष 2017 से अद्यावधिक अर्थात 7 वर्ष में 1,61,962 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता के लिए 2,765 करोड़ रुपये स्वीकृत किये जा चुके हैं।
राज्य सरकार के प्रयासों से मातृ मुत्यु दर वर्ष 2014 में 285 प्रति लाख से कम होकर वर्ष 2022 में 167 प्रति लाख और शिशु मृत्यु दर वर्ष 2014 में 48 प्रति हजार से कम होकर वर्ष, 2020 में 38 प्रति हजार हो गई है।
वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2023 में एईएस (एक्यूट इन्सिफेलाइटिस सिन्ड्रोम) रोगियों की संख्या में 76 प्रतिशत तथा मृत्यु दर में 98 प्रतिशत की कमी एवं जेई (जापानी इन्सिफेलाइटिस) के रोगियों की संख्या में 85 प्रतिशत तथा मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में एमबीबीएस की सीटों की संख्या 1840 से बढ़कर कर 3828 हो गयी है। निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 2550 से बढ़कर 5250 हो गयी है। इस प्रकार कुल 9078 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं।
सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में पी0जी0 सीटों की संख्या 741 से बढ़कर 1543 तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 480 से बढ़कर 1775 हो गयी है। इस प्रकार पीजी की कुल 3318 सीटें उपलब्ध हो गई हैं।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 4 करोड़ 86 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए हैं। लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
प्रदेश की जनता को वर्तमान में बैंकों की 19,705 शाखाओं, 2,28,544 बैंक मित्र एवं बीसी सखी और 17,852 एटीएम के माध्यम से बैकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 9 करोड़ खातों के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 5 करोड़ 54 लाख नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1.90 करोड़ के नामांकन साथ उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर है।
अटल पेंशन योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख नामांकन का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है। बजट पेश किए जाने से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों में मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को अपने माल के परिवहन में सुविधा उपलब्ध होगी जिससे प्रदेश से निर्यात बढ़ेगा।
महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण से प्रदेश में चार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हैं। शीघ्र ही नोएडा के जेवर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रारम्भ होने वाला है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पांच अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला भारत का एकमात्र राज्य बन जाएगा।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग एवं विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स की सुलभता (लीड्स-2023) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने ‘अचीवर्स’ की श्रेणी प्राप्त की है।
प्रदेश के लगभग 55 लाख वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से प्रदान की जा रही है।
सभी वर्गों की पुत्रियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत एक जोडे़ के विवाह पर 51,000 रुपये अनुदान की व्यवस्था है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 1,00,874 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराते हुये 510 करोड़ रुपये का व्यय किया गया।
भारत सरकार द्वारा निर्मित ‘ई-श्रम’ पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के लगभग 8.32 करोड़ कामगारों का पंजीकरण हुआ है जो देश में सर्वाधिक है।
26 अगस्त, 2021 से 31 अक्टूबर, 2021 तक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 80.11 लाख श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता के अन्तर्गत 2 हजार रुपये की दर से लगभग 1600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
निर्माण कामगार मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजना को एकीकृत करते हुए नई योजना ‘निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना’ कर दिया गया है। समस्त योजनाओं में माह नवंबर, 2023 तक 40,183 कामगारों को लाभान्वित किया गया तथा 433 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की गई।
निर्माण कामगार गम्भीर बीमारी सहायता योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में कराने पर इलाज के व्यय की शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति कराई जा रही है।
प्रदेश के 117 विकास खंडों में 124 ग्रामीण स्टेडियम और मल्टीपरपज हॉल का निर्माण किया गया है।
प्रदेश की ग्राम पंचायतों में 53,800 युवक मंगल दल एवं 51,300 महिला मंगल दलों का गठन किया जा चुका है। इन दलों के माध्यम से युवाओं की सहभागिता राष्ट्रीय एवं सामाजिक महत्व के कार्यों में सुनिश्चित कराई गई है।
कर्नाटक में 12 से 16 जनवरी, 2023 तक आयोजित 26वें राष्ट्रीय युवा उत्सव में उत्तर प्रदेश के लोकगीत की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक अर्जित किया।
एमएसएमई सेक्टर में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत अब तक 22 लाख 389 लाभार्थियों को लाभान्वित करते हुये 1,79,112 रोजगार सृजित किये गये।
एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजना के अन्तर्गत 13,597 लाभार्थियों के माध्यम से 1,92,193 रोजगार सृजित हुये।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा एक जनपद एक उत्पाद कौशल उन्नयन एवं टूलकिट योजना के अन्तर्गत लगभग 4.08 लाख रोजगार सृजित हुए।
एकेटीयू से संबद्ध लगभग 700 से अधिक संस्थानों के छात्रों के लिये लगभग 25 हजार रोजगार के अवसर पिछले शैक्षिक सत्र में उपलब्ध कराये गए।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत 12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया जिनमें से 4.13 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया। यूपी बजट पेश किए जाने के दौरान लगा जय श्री राम का जयकारा
महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 28 करोड़ 68 लाख मानव दिवस सृजित कराते हुये 75 लाख 24 हजार श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 33 करोड़ मानव दिवस का सृजन किये जाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक 408 लाभार्थियों को 1854.88 लाख पूंजीगत निवेश ऋण के साथ 7418 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दी गयी है। योजना में 2023-2024 में तृतीय तिमाही तक 31 लाख 28 हजार निराश्रित महिलाओं को लाभान्वित किया गया।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत पात्र बालिकाओं को 6 विभिन्न श्रेणियों में कुल 15000 रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 तक 17.82 लाख लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया जा चुका है।
महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 200 उत्पादक समूहों का गठन करके तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाना लक्षित है।
उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के अन्तर्गत जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को कोष के अन्तर्गत 1 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था है।
डार्क जोन में नये निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया गया है जिससे लगभग एक लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एकल रबी फसल की सिंचाई हेतु सीजनल टैरिफ का लाभ एवं अस्थाई विद्युत संयोजन की सुविधा प्रदान की गयी। यूपी विधानसभा के गेट पर सीएम योगी और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना
वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक लगभग 37 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण कराया गया।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 2022-2023 के लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को माह अक्टूबर, 2023 तक 831 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत दिसम्बर, 2023 तक लगभग 63,000 करोड़ रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से 2 करोड़ 62 लाख कृषकों के खातों में हस्तान्तरित की गयी।
प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पुरूष एवं महिला दोनों के लिए 3000 रुपये की सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है।
वर्तमान सरकार की ओर से वर्ष 2017 से 29 जनवरी, 2024 तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को 2 लाख 33 हजार 793 करोड़ रुपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 2 लाख 1 हजार 519 करोड़ रुपये से भी 20,274 करोड़ रुपये अधिक है।
पेराई सत्र 2023-2024 के लिए गन्ने की अगैती प्रजाति का मूल्य 350 रुपये से बढ़ाकर 370 रुपये, सामान्य प्रजाति का 340 रुपये से बढ़ाकर 360 रुपये तथा अनुपयुक्त प्रजाति का मूल्य 335 रुपये से बढ़ाकर 355 रुपये प्रति कुन्तल हो गया है।