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टिकट कटने के बाद वरुण गांधी के पास अब क्या है आगे का विकल्प,क्यों नही शामिल होंगे कांग्रेस में ये है वजह जानिए ?

बीजेपी ने वरुण गांधी को पीलीभीत से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया. और उनकी जगह अब बीजेपी की तरफ से जितिन प्रसाद मैदान में होंगे वरुण की टीम ने घोषणा कर दी कि वरुण अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस बीच, वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की बात भी उठी, मगर ऐसा नहीं हुआ

पीलीभीत से वरुण गांधी की टिकट कटने के बाद उनकी चर्चाएं जोरों पर हैं कि वरुण गांधी अब आगे क्या करेंगे और उनकी रणनीति क्या होगी, पीलीभीत से बीजेपी ने इस बार योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है,बीते रविवार को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अपने 13 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया था. तब पार्टी ने वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया, जबकि उनकी मां मेनका गांधी को फिर से सुल्तानपुर सीट से टिकट दिया गया है.

इन तमाम राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सवाल यह है कि आखिर अब टिकट कटने के बाद वरुण गांधी के पास क्या विकल्प हैं और वरुण गांधी की आगे की रणनीति क्या रहेगी आपको बता दे की वरुण गांधी करीब एक साल से पार्टी लाइन से अलग चल रहे थे, यही वक्त था जब राजनीति के जानकारों ने उनके लिए बीजेपी से अलग विकल्प खोजना शुरू कर दिया था. की वरुण गांधी अब आगे क्या करेंगे, वरुण गांधी की कांग्रेस में जाने की अटकलों ने भी जोर पकड़ा, राहुल गांधी और वरुण गांधी की केदार नाथ में हुई मुलाकात ने भी यूपी की राजनीतिक गलियारों में खूब सुर्खियां रही लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब यूपी पहुंची तब राहुल गांधी से पूछे गए इस सवाल पर की क्या वरुण गांधी के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं तब राहुल गांधी ने कहा था, ‘वरुण गांधी ने आरएसएस की विचारधारा को अपनाया है. मैं उनसे मिल सकता हूं, गले लग सकता हूं लेकिन उनकी विचारधारा को नहीं अपना सकता हूं.’उन्होंने आगे कहा, ‘वह आरएसएस के दफ्तर में नहीं जा सकते फिर चाहे उनका गला काट दिया जाए. वरुण ने उसी विचारधारा को अपनाया है.’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने बयानों के जरिए न केवल अटकलों पर विराम लगा दिया, बल्कि वरुण गांधी के लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद कर दिए

फिर चर्चाएं चली की बीजेपी सांसद वरुण गांधी समाजवादी पार्टी में जा सकते है और वह सपा के सिंबल पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं, यादव परिवार ने उनके लिए दरवाजा खोल रखा इसकी शुरूवात रामगोपाल यादव से जब बीते सप्ताह पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘अगर बीजेपी वरुण गांधी का टिकट काटेगी तो उसपर विचार करेंगे.’उसके बाद शिवपाल यादव से जब वरुण गांधी से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘भ्रष्ट बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर करने वाले सभी लोगों का स्वागत है.’ यानी राम गोपाल यादव से पहले चाचा शिवपाल यादव ने वरुण गांधी को ग्रीन सिग्नल दे दिया था. ऐसे में जब वरुण गांधी को लेकर हर दिन नए कयासों को हवा मिल रही थी. तब शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव के बाद अखिलेश यादव ने भी उन्हें ग्रीन सिग्नल दे दिया. बचा हुआ काम पीलीभीत से सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार ने पूरा कर दिया. उनसे जब वरुण गांधी से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘अगर वरुण गांधी सपा में शामिल हुए तो मैं अपनी सीट वरुण के नाम पर छोड़ने को तैयार हूं.’
दूसरी ओर जब यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से वरुण गांधी का टिकट कटने से जुड़ा सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘वरुण गांधी पार्टी के बड़े नेता हैं, वरुण गांधी तीन बार सांसद रहे हैं. बीजेपी ने और लोगों को मौका दिया जाता है. मुझे पूरा विश्वास है वरुण गांधी पार्टी के साथ रहेंगे.’

भूपेंद्र चौधरी के बाद बचा हुआ काम वरुण गांधी की मां मेनका गांधी ने पूरा कर दिया. मेनका गांधी ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत के दौरान वरुण गांधी से जुड़े सवाल पर जवाब दिया. वरुण गांधी को लेकर कयास हैं कि उन्हें रायबरेली से मौका मिल सकता है. ऐसा नहीं हुआ तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, इसपर मेनका गांधी ने कहा, ‘यह सब अफवाह है.’

अब मेनका गांधी एक अप्रैल से सुल्तानपुर में चुनावी मैदान में प्रचार करने उतरेंगी. राजनीति पर बारीकियों से नजर रखने वाले वरुण गांधी के करीबी बताते हैं कि मां मेनका गांधी के चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए वरुण गांधी सुल्तानपुर जाएंगे. अब अगर ऐसा होता है कि सालों से चली आ रही कयासों पर विराम लग जाएगा.

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