उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार प्रदेश में इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण व विकास पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है। प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना समेत तमाम सुविधाओं का विकास किया जा रहा है और इसमें निवेश समेत विभिन्न परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के काम में तेजी लाई जा रही है। इसी क्रम में, 24 औद्योगिक क्षेत्रों के व्यापक कायाकल्प की प्रक्रिया को पूरा करने पर योगी सरकार फोकस कर रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को इन कार्यों की पूर्ति का जिम्मा सौंपा गया है।
4,025 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में होंगे विकास कार्य
कार्य योजना के अनुसार, यूपीसीडा द्वारा आगरा, मथुरा, मेरठ, गोरखपुर, संत कबीर नगर, मऊ, कानपुर, लखनऊ व रायबरेली में फुल डेप्थ रीक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक से सड़कों के निर्माण समेत अन्य अवस्थापनात्मक सुधार की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इन कार्यों में स्ट्रीट लाइटिंग, सीसीटीवी, टेलीफोन स्टेशन, सब स्टेशन, स्ट्रीट फर्नीचर, बाउंड्री वॉल, एंट्री गेट समेत विभिन्न सुविधाओं विकास शामिल है। प्रक्रिया के अंतर्गत कुल 4,025 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा। इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए यूपीसीडा द्वारा डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिसके जरिए चरणबद्ध तरीके से सभी प्रस्तावित निर्माण व विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा।
6 पैकेट्स में बांटकर औद्योगिक क्षेत्रों की विकास प्रक्रिया की जाएगी पूरी
सीएम योगी के विजन अनुसार, जिन 24 औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क निर्माण समेत विभिन्न प्रकार के इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन होना है उन्हें 6 पैकेट्स में विभाजित किया है। पहले पैकेट में आगरा के ईपीआईपी नगर, फौदारी नगर तथा सिकंदरा (साइट ए, बी, सी) तथा मथुरा साइट ए शामिल हैं। ये क्रमशः 105.45, 183.28, 50.70, 17.79, 183.31 तथा 348.87 एकड़ क्षेत्र में अवस्थित हैं। वहीं, पैकेज 2 में जेपी नगर गजरौला (1 व 2) तथा बरेली के परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र चिह्नित हैं। इनका क्षेत्रफल क्रमशः 423.58 तथा 273.34 एकड़ है। तीसरे पैकेज में मेरठ के स्पोर्ट्स गुड्स कॉम्पलेक्स, साइट 2 लोनी रोड, साइट 3, लोनी इंडस्ट्रियल एरिया मेरठ रोड व उद्योग कुंज डासना चिह्नित हैं। इनके क्षेत्रफल क्रमशः 2.32, 307, 350.95, 12.50, 115.20 व 58.06 एकड़ हैं। चौथे पैकेज में गोरखपुर, संत कबीर नगर व मऊ में क्रमशः 50.20, 234.58 व 103.61 एकड़ में स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों में विकास प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कानपुर, लखनऊ और रायबरेली के औद्योगिक क्षेत्रों में भी होगा विकास
इसी प्रकार, प्रक्रिया के अंतर्गत पैकेज 5 में कानपुर के पनकी साइट 1, 2, 3, 4, 5 व चकेरी में क्रमशः 240.60, 112.50, 211.60, 27.40, 147.64 व 114.30 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित इंडस्ट्रियल एरिया में विकास प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। इसी प्रकार, पैकेट 6 में लखनऊ के सरोजनी नगर के 87.59 तथा रायबरेली के साइट-1 व 2 में क्रमशः 42.99 व 220 एकड़ क्षेत्र में अवस्थित औद्योगिक क्षेत्रों में विकास प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
31 प्रकार के विकास व अपग्रेडेशन कार्यों को किया जाएगा पूरा
-सीएम योगी के विजन अनुसार, कार्य योजना में चिह्नित सभी विकास व अपग्रेडेशन कार्यों को पूरा करने के बाद इन्हें संबंधित नगर निगम व नगर पालिका को सौंपा जाएगा।
इसके लिए डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है जिसके जरिए चिह्नित कार्यों को पूरा करने का चरणबद्ध एक्शन प्लान तैयार होगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए डीटेल्ड सर्वे व साइट एनालिसिस को प्रयोग में लाया जाएगा।
मौजूदा कार्य योजना के अनुसार, सभी चिह्नित औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 31 प्रकार के विकास व अपग्रेडेशन कार्यों को पूरा किया जाएगा।
-इनमें लोकनिर्माण विभाग के मानकों तथा यूपीसीडा की जरूरतों अनुसार एफडीआर तकनीक से सड़क निर्माण (लेन मार्किंग, स्ट्रीट फर्नीचर, कैट्स आई, कर्ब स्टोन की पेंटिंग सहित), एक्सटर्नल व इंटरनल ड्रेनेज सिस्टम की स्थापना, जल आपूर्ति, सीईटीपी व एसटीपी की स्थापना जैसे कार्यों को पूरा किया जाएगा।
-इसी प्रकार, फ्लैटेड फैक्टरी का निर्माण, पेव्ड फुटपाथ, प्रवेश द्वार निर्माण, ट्रक पार्किंग टर्मिनल, बस शेल्टर, डॉर्मेटरी, फायर स्टेशन का निर्माण व अपग्रेडेशन, पुलिस आउटपोस्ट अपग्रेडेशन, सीएफसी बिल्डिंग का विकास, यूरिनल्स, ईवी चार्जिंग व स्मार्ट व्हीकल पार्किंग, इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी।
-वहीं, फैकेड लाइटिंग, अंडरग्राउंड लाइन बिछाने, वीडियो कॉर्फ्रेंसिंग सिस्टम, एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक्स के विकास, हाई मास्ट व डेकोरेटिव पोल्स की स्थापना, सीसीटीवी कैमरों व कमांड सेंटर की स्थापना, पॉल्यूशन मॉनिटरिंग व पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम व ट्रैफिक लाइट्स की स्थापना जैसे कार्य भी प्रक्रिया के अंतर्गत पूरा किए जाएंगे।